Reason behind bad dreams : डरावने सपने क्यों आते हैं?

By NCI
On: October 11, 2025 3:53 PM
bad dreams

डरावने सपने (bad dreams) क्यों आते हैं? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मानसिक अशांति, नकारात्मक विचार, और आध्यात्मिक कारण भी शामिल हैं। जब हम दिन भर तनाव, भय, क्रोध, या चिंता में रहते हैं, तो हमारा मन अशांत हो जाता है और वह अशांति रात को स्वप्नों के रूप में प्रकट होती है। इसके अलावा, घर का वातावरण अगर अशुद्ध या कलहपूर्ण हो तो भी मानसिक शांति बाधित होती है, जिससे डरावने सपने आते हैं। सोने से पहले मोबाइल या हिंसक फिल्में देखना भी तामसिक प्रवृत्ति को बढ़ाता है, जिसके कारण डरावने सपने दिखाई देते हैं।

शास्त्रों में कहा गया है कि रात के समय जो हम खाते हैं, जिस प्रकार के विचार करते हैं, और हमारे कर्म—ये सब स्वप्नों को प्रभावित करते हैं। यदि राहु, केतु, शनि, चंद्रमा, और मंगल ग्रह कुंडली में अशुभ स्थान पर हों, तो व्यक्ति को डरावने और भ्रमित स्वप्न अधिक आते हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है; यदि यह पीड़ित हो तो स्वप्न अशुभ होते हैं। इसके अलावा, पूर्वजन्म के संस्कार, पितृ दोष, और मृतात्माओं की अधूरी इच्छाएं भी डरा देने वाले सपने ला सकती हैं।

जब कोई व्यक्ति भक्ति (devotion) के मार्ग पर चलता है और भगवान की सच्ची सेवा करता है, तो उसके सपने शांति देने वाले होते हैं। संत व्यक्ति अपने जीवन में सदैव भगवान की भक्ति करते रहते हैं, इसलिए उन्हें सुखद और शुभ सपने दिखाई देते हैं। इसके विपरीत, अगर मन अशांत और अधर्मी है, तो उसे डरावने सपने आते हैं। इसलिए, सोने से पहले मन को शुद्ध और पवित्र रखना आवश्यक है। साफ-सुथरे कपड़े पहनना, पैर धोना, और भगवान के नाम का जप करना मन को शांत करता है और बुरे विचारों को दूर करता है।  भक्ति का महत्व इस बात में भी है कि भगवान की कृपा से ही भक्ति प्राप्त होती है, यह किसी साधु के द्वारा दी जाती है और बिना भक्ति के न तो सपनों में ही विश्राम मिलता है और न ही जीवन में। इसलिए हर व्यक्ति को अपने मन और हृदय में भक्ति का स्थान देना चाहिए। मन की शांति और भक्ति के अभाव में इंसान रात को सोते हुए भी बेचैनी, तड़प, और भय का अनुभव करता है। ऐसे समय में भजन, नामस्मरण, और साधु सेवा करनी चाहिए।

डरावने सपनों के सम्बन्ध में विद्वानों का मानना है कि यह मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा होता है। तनाव, चिंता, और डिप्रेशन के कारण भी व्यक्ति को बुरे सपने आते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सपने दिमाग का दिनभर की घटनाओं को संसाधित करने का एक तरीका हैं। अगर दिनभर मानसिक तनाव या खराब स्थिति रही हो, तो सपना भी डरावना हो सकता है। इसलिए योग, प्राणायाम, और मेडिटेशन करके मन को शांत करना जरूरी है। स्लीप रूटीन (sleep routine) का नियमित होना भी जरूरी है ताकि नींद अच्छी आए और सपने सकारात्मक हों। सोने से पहले भारी भोजन, शराब, या स्नैक्स लेने से बचें क्योंकि ये मस्तिष्क को ज्यादा सक्रिय कर देते हैं और बुरे सपने बढ़ जाते हैं। वातावरण शांत, अंधेरा और ठंडा होना चाहिए ताकि नींद में व्यवधान ना आए।

  • बुरे सपनों से छुटकारा पाने के लिए कई शास्त्रीय और पारंपरिक उपाय बताए गए हैं। सोने से पहले भगवान के नाम, जैसे कि श्रीराम, विष्णु, हनुमान जी, या शिवाजी के मंत्रों का जप करना चाहिए। तुलसी का पौधा घर में होना शुभ माना जाता है। इसके साथ घर में दीपक जलाना, तुलसी, लौंग, या गाय के चित्र को सिरहाने रखना भी शुभ प्रभाव डालता है। कुछ लोग सोते समय दाहिने करवट लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह नींद में विश्राम बढ़ाता है।
  • अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुरे सपने आते हैं, तो उसे नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए क्योंकि हनुमान जी को संकटों से मुक्ति देने वाला माना जाता है। साथ ही, स्वच्छता का परिपालन करें जैसे सोने से पहले शरीर और पैर धोना, साफ कपड़े पहनना। यह न केवल शारीरिक स्वच्छता के लिए जरूरी है, बल्कि इससे मानसिक शांति भी मिलती है और भय कम होता है। अगर सपने बहुत भयावह हों तो सुंदरकांड, बजरंग बाण, संकटमोचन स्तोत्र जैसी आरतियां और स्तोत्र भी प्रातःकाल नेपालन करें।
  • ज्योतिष के अनुसार भी बुरे सपनों का संबंध ग्रहों के दोषों से होता है। राहु, केतु, शनि के प्रभाव या पितृ दोष होने की स्थिति में सपनों में डर या अशुभता बढ़ सकती है। इसलिए पितृ तर्पण और नारियल जलानी जैसी पूजा का आयोजन करना चाहिए ताकि मन हल्का हो और स्वप्न शांति पूर्ण हों।
  • मन और विचारों को सकारात्मक रखने की कला भी महत्वपूर्ण है। दिन भर नकारात्मक विचार न करें, सोने से पहले पुण्य कर्मों के बारे में सोचें, भजन करें, और भगवान की उपासना करें। ऐसा करने से मन शुद्ध होता है और स्वप्न भी शांति देने वाले होते हैं।
  • कई बार सपनों में मृत आत्माओं का आना या किसी की पुकार सुनना पितृ दोष का सूचक होता है। ऐसे सपनों को गंभीरता से लेना चाहिए और पितृ तर्पण के उपाय करना चाहिए ताकि मन को शांति और मृतात्माओं को मुक्तिकाल मिले।
  • इंसान के विचार और कर्म सपने में परिलक्षित होते हैं। यदि व्यक्ति दिन भर पाप या अपराध करता है, तो उसे चिंता, भय, और अशांति से भरे सपने आते हैं। इसलिए जीवन को नैतिकता, भक्ति, और धर्म के मार्ग पर चलाना चाहिए ताकि मन स्थिर और शांत रहे। जो व्यक्ति भक्ति में लगा रहता है, उसे सुखद सपने और मानसिक शांति मिलती है।

इसके अलावा, सपने का वैज्ञानिक पहलू भी है कि मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन या न्यूरोट्रांसमीटर की कमी से सपनों का स्वरूप प्रभावित होता है। परंतु आध्यात्म और धर्म की दृष्टि से भक्ति, पूजा, और मानसिक श्रद्धा से ही सत्य शांति मिलती है। डरावने सपनों को कम करने के लिए सोने से पहले हल्का और शुद्ध भोजन करना चाहिए। भारी और तामसिक भोजन से बचें क्योंकि यह मस्तिष्क और मन में अशांति पैदा करता है। साथ ही, सोने से पहले कमरे में दीपक जलाना, हवन या आरती करना भी शुभ माना जाता है। मन में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए सत्संग, अध्यात्मिक पाठ, और ध्यान करने की सलाह दी जाती है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और सपनों को मधुर बनाता है। अगर बुरे सपने लगातार आते हैं, तो किसी योग्य ज्योतिष या आध्यात्मिक गुरु की सलाह लें। वे कुंडली देखकर या मंत्र और पूजा कराकर दोषों को दूर कर सकते हैं।

Also Read-Bamboo Facts : बांस को क्यों नहीं जलाना चाहिए?

NCI

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
error: Content is protected !!