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Shocking Secrets to Protect Yourself |
काला जादू और बुरी नजर जैसी चीजों को लेकर लोगों के मन में कई तरह की मान्यताएँ हैं। अक्सर देखा जाता है कि बिना किसी कारण के लोगों को अजीब-अजीब समस्याएं होने लगती हैं, जैसे अचानक तबीयत खराब हो जाना, काम में रुकावट आना, रात को बार-बार डर के कारण नींद खुल जाना, चलते-चलते ठोकर लगना या शरीर में अचानक भारीपन महसूस होना। कई लोग इन घटनाओं को काला जादू या बुरी नजर का प्रभाव मानते हैं, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा कुछ होता है? और यदि ऐसा होता है तो इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं? यह समझने के लिए हमें ऊर्जा और प्राण के विज्ञान को समझना जरूरी है।
हमारे शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा प्रवाहित होती है, जिसे प्राण कहा जाता है। यह ऊर्जा हमारे विचारों, इंद्रियों और भावनाओं से नियंत्रित होती है। अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा नकारात्मक सोच और गहरी भावना के साथ किसी अन्य व्यक्ति की ओर ध्यान केंद्रित करता है, तो उसकी ऊर्जा उस व्यक्ति के प्राणों को प्रभावित कर सकती है। इसी को आम भाषा में बुरी नजर कहा जाता है। इसी तरह, जब कोई व्यक्ति किसी विशेष अनुष्ठान के माध्यम से अपनी ऊर्जा को केंद्रित करके किसी अन्य व्यक्ति पर प्रभाव डालने का प्रयास करता है, तो इसे काला जादू कहा जाता है। यह कोई अंधविश्वास नहीं बल्कि ध्यान और ऊर्जा प्रवाह से जुड़ी प्रक्रिया है।
अगर किसी व्यक्ति के ऊपर नकारात्मक ऊर्जा या काला जादू का प्रभाव होता है, तो कुछ खास लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे अचानक बिना किसी वजह के मानसिक तनाव बढ़ जाना, बार-बार छोटे-छोटे हादसों का होना, शरीर में अलग-अलग जगहों पर दर्द उठना और फिर अपने आप ठीक हो जाना, खाते-खाते जीभ कट जाना या मुँह में चोट लग जाना, रात को एक ही समय पर नींद का टूटना और डर लगना, चलते समय बार-बार ठोकर लगना या फिसलना, किसी खास व्यक्ति के सामने जाते ही असहज महसूस करना, अचानक आर्थिक नुकसान होना या किसी काम में बार-बार रुकावट आना। अगर इन लक्षणों में से कई बार-बार देखने को मिलते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि कोई नकारात्मक ऊर्जा आपके आसपास सक्रिय है।
यह पूरी प्रक्रिया ऊर्जा और ध्यान पर आधारित होती है। जब कोई व्यक्ति गहरी भावनाओं और संपूर्ण ध्यान के साथ किसी अन्य व्यक्ति के प्रति नकारात्मकता रखता है, तो वह एक ऊर्जा प्रवाह उत्पन्न करता है, जो उस व्यक्ति तक पहुँच सकता है। यह ऊर्जा प्रवाह यदि बहुत तीव्र होता है, तो यह व्यक्ति के शरीर और मन को प्रभावित कर सकता है। आपने कभी अनुभव किया होगा कि जब कोई आपके खाने को लगातार देखता रहता है, तो अचानक आपका पेट दर्द करने लगता है। यह इसलिए होता है क्योंकि उसकी सारी ऊर्जा उस खाने पर केंद्रित हो जाती है और वह ऊर्जा आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है। इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति गहरे ध्यान के माध्यम से अपनी ऊर्जा को किसी वस्तु में एकत्रित करके किसी अन्य व्यक्ति की ओर भेजता है, तो यह काला जादू बन जाता है।
इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि अपने शरीर की ऊर्जा को संतुलित और सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं, जिनमें सबसे पहला उपाय ग्राउंडिंग करना है। जिस तरह किसी घर में ज्यादा वोल्टेज आने पर उसे बचाने के लिए अर्थिंग की जाती है, वैसे ही हमारे शरीर को भी ग्राउंडिंग की जरूरत होती है। यह हमारे मूलाधार चक्र से जुड़ा होता है, जो शरीर की सबसे निचली ऊर्जा केंद्र है। जब यह संतुलित रहता है, तो किसी भी नकारात्मक ऊर्जा का असर हम पर नहीं होता। दूसरा उपाय गंध का प्रयोग करना है। मंदिरों में अगरबत्ती, धूप और कपूर जलाने की परंपरा इसी वजह से बनी थी क्योंकि यह हमें ग्राउंडिंग करने में मदद करती हैं। यही कारण है कि जब कोई व्यक्ति डर या तनाव में होता है, तो उसे सुगंधित चीजें जैसे चंदन, कपूर, लोबान आदि सुंघाने की सलाह दी जाती है।
प्राकृतिक ज़मीन पर नंगे पैर चलना भी शरीर की ग्राउंडिंग को मजबूत करने में मदद करता है। आजकल लोग टाइल्स और मार्बल पर चलते हैं, जिससे ऊर्जा प्रवाह बाधित होता है। इसलिए समय-समय पर घास, मिट्टी या बालू पर नंगे पैर चलना लाभकारी होता है। ध्यान और प्राणायाम भी ऊर्जा को संतुलित करने का एक प्रभावी तरीका है। रोज़ कम से कम 10-15 मिनट का ध्यान और गहरी सांसों का अभ्यास करने से नकारात्मक ऊर्जा आप पर असर नहीं डाल सकती।
रात में सोते समय अगर डर लगता है या अजीब अनुभव होते हैं, तो शरीर को अच्छे से ढककर सोना चाहिए। खासतौर पर पैरों को ढककर रखने से मूलाधार चक्र सुरक्षित रहता है। यही कारण है कि साधु-संत लंगोट पहनते हैं, ताकि उनकी ऊर्जा सुरक्षित रहे। मिट्टी के दीपक जलाने से भी ऊर्जा संतुलित होती है। जब घी का दीपक जलाया जाता है, तो यह चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह बनाता है, जिससे कोई भी नकारात्मक शक्ति प्रभाव नहीं डाल सकती।
अगर आपका मन मजबूत है और आप नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी नहीं होने देते, तो कोई भी नकारात्मक ऊर्जा आप पर असर नहीं डाल सकती। हमेशा अच्छे विचार रखें और किसी भी डर को अपने ऊपर हावी न होने दें। अगर किसी व्यक्ति के साथ लड़ाई हो जाती है और वह लगातार कुछ दिनों तक नकारात्मकता में डूबा रहता है, तो वह ऊर्जा अपने आप उस व्यक्ति की ओर प्रवाहित होने लगती है, जिससे वह प्रभावित हो सकता है। इसे ही नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कहा जाता है।
काला जादू और बुरी नजर जैसी चीजों से बचने के लिए हमें अपने शरीर और मन को मजबूत बनाना होगा। जब तक हमारा मूलाधार चक्र संतुलित रहेगा, तब तक कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हम पर प्रभाव नहीं डाल पाएगी। इसके लिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे, जैसे अगरबत्ती जलाना, ध्यान करना, मिट्टी के दीपक जलाना, नंगे पैर चलना और सकारात्मक रहना। कोई भी बाहरी शक्ति आप पर तभी प्रभाव डाल सकती है, जब आपकी आंतरिक शक्ति कमजोर हो। इसलिए अपनी ऊर्जा को संतुलित रखें और आत्मविश्वास के साथ जीवन जिएं।