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Shocking Health Risks |
आजकल के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लोग न केवल मनोरंजन और संचार के लिए बल्कि टॉयलेट जैसी निजी जगहों पर भी फोन का उपयोग करने लगे हैं। हालांकि, यह आदत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है, जिनमें सबसे प्रमुख हैं पाइल्स (बवासीर), एनल फिशर और भगंदर। विशेषज्ञों का मानना है कि टॉयलेट में अधिक समय तक बैठकर फोन चलाना इन समस्याओं को बढ़ावा देता है।
जब हम टॉयलेट में फोन लेकर जाते हैं, तो अक्सर बिना किसी जरूरत के लंबे समय तक बैठे रहते हैं। यह एक साइकोलॉजिकल (मनोवैज्ञानिक) प्रक्रिया होती है, क्योंकि टॉयलेट में हमें एकांत मिलता है और कोई हमें डिस्टर्ब नहीं करता। लेकिन लंबे समय तक बैठने से गुदा क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे नसों में सूजन आ जाती है और धीरे-धीरे यह समस्या पाइल्स या बवासीर का रूप ले लेती है। पाइल्स दो प्रकार के होते हैं – बाहरी और आंतरिक। बाहरी पाइल्स में गुदा के बाहर सूजन आ जाती है, जबकि आंतरिक पाइल्स में यह समस्या अंदरूनी नसों में होती है, जिससे मल त्याग करते समय तेज दर्द और खून आ सकता है।
इसके अलावा, लंबे समय तक टॉयलेट में बैठने से एनल फिशर की समस्या भी हो सकती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब गुदा क्षेत्र की त्वचा फट जाती है, जिससे मल त्याग के दौरान असहनीय दर्द और जलन होती है। कुछ मामलों में, यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति को सर्जरी करवानी पड़ती है। एनल फिशर के मुख्य कारणों में से एक है हार्ड स्टूल (सख्त मल), जो आमतौर पर खराब खानपान और पानी की कमी के कारण होता है।
एक और खतरनाक बीमारी जो टॉयलेट में अधिक समय बिताने से हो सकती है, वह है भगंदर। यह एक प्रकार की गांठ होती है, जो गुदा क्षेत्र के पास बन जाती है और इसमें पस भर जाता है। यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ती है और संक्रमित हो सकती है, जिससे व्यक्ति को तेज दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ता है। भगंदर की समस्या में जब यह गांठ फूटती है, तो उसमें से पस निकलता है, जिससे कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है, लेकिन यह समस्या बार-बार दोहराती रहती है।
डॉक्टरों के अनुसार, हाल के वर्षों में पाइल्स और एनल फिशर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन बीमारियों के मुख्य कारणों में गलत खानपान, फाइबर की कमी, कम पानी पीना, ज्यादा जंक फूड खाना और टॉयलेट में फोन का अत्यधिक उपयोग शामिल है। एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करने की वजह से इन समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।
टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करने से एक और समस्या यह होती है कि मल त्याग की प्रक्रिया सही से नहीं हो पाती। जब हम फोन देखते हैं, तो हमारा ध्यान बंट जाता है और पेट पूरी तरह से साफ नहीं हो पाता। इससे धीरे-धीरे कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) की समस्या बढ़ जाती है और यही कब्ज आगे चलकर पाइल्स का कारण बन सकती है। इसके अलावा, टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया हमारे हाथों और फोन पर लग जाते हैं, जो आगे चलकर पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
इन समस्याओं से बचने के लिए सबसे पहले टॉयलेट में फोन का उपयोग बंद करना चाहिए। इसके अलावा, खानपान में सुधार करना भी बहुत जरूरी है। ज्यादा फाइबर युक्त भोजन, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दलिया खाना चाहिए। पानी की मात्रा भी बढ़ानी चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और पाचन क्रिया सही तरीके से काम करे।
जो लोग पहले से ही इन बीमारियों से परेशान हैं, उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। पहले के समय में इन बीमारियों के इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय था, लेकिन आजकल मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है और लेजर सर्जरी तथा रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट जैसी तकनीकें आ चुकी हैं, जो बिना किसी बड़े ऑपरेशन के इन समस्याओं को ठीक कर सकती हैं। हालांकि, इलाज करवाने से बेहतर है कि हम खुद की आदतों में सुधार करें और इन बीमारियों से बचाव करें।
हमारी जीवनशैली का हमारी सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें, जैसे सही खानपान, नियमित व्यायाम और टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल बंद करना, तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। शरीर हमारा मंदिर है, और इसे स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए, अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें और छोटी-छोटी आदतों को सुधारकर बड़े स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।