OpenAI Strikes Back! कौन जीतेगा?

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OpenAI Strikes Back!

 ओपनएआई और डीपसीक के बीच एआई (Artificial Intelligence) की दुनिया में एक नई जंग छिड़ गई है। हाल ही में ओपनएआई ने अपना नया मॉडल GPT-03 Mini लॉन्च किया है, जो डीपसीक के तेजी से बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने के लिए लाया गया है। यह कदम एआई इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। डीपसीक R1, जो एक चीनी एआई लैब द्वारा विकसित किया गया है, ने अपने ओपन-सोर्स और कम लागत वाले मॉडल के कारण बड़ी लोकप्रियता हासिल कर ली थी। यह मॉडल न केवल अत्यधिक कुशल था, बल्कि इसकी कीमत भी अन्य मॉडलों की तुलना में बहुत कम थी, जिससे इसे दुनिया भर के व्यवसायों और डेवलपर्स ने तेजी से अपनाया। ओपनएआई, जिसने 2022 में ChatGPT को लॉन्च करके एआई की दुनिया में अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी, अब डीपसीक के बढ़ते प्रभाव को एक गंभीर खतरे के रूप में देख रहा है।

GPT-03 Mini, ओपनएआई की ओर से एक सीधा जवाब है, जिसे डीपसीक की प्रतिस्पर्धा को टक्कर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मॉडल न केवल तेज़ और सस्ता है, बल्कि यह reasoning (तर्क करने की क्षमता) में भी पहले से अधिक उन्नत है। खास बात यह है कि यह अब ChatGPT के मुफ्त उपयोगकर्ताओं के लिए भी उपलब्ध है, जो यह दर्शाता है कि ओपनएआई अपने उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने के लिए अपनी रणनीति बदल रहा है। इस मॉडल की विशेषता इसकी reasoning क्षमता है, जो पहले के मॉडलों की तुलना में अधिक गहरी और सटीक उत्तर देने में सक्षम बनाती है। GPT-03 Mini विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) से संबंधित समस्याओं को हल करने में अधिक प्रभावी साबित हुआ है, और यह जटिल प्रश्नों के उत्तर देने में अधिक विश्वसनीय है।

एक और महत्वपूर्ण सुधार है इस मॉडल की speed (गति)। बाहरी परीक्षणों के अनुसार, GPT-03 Mini ने 01 सीरीज़ की तुलना में 24% तेजी से काम किया, जिससे यह पहले से अधिक प्रभावी हो गया। इसके अलावा, इस मॉडल की context window (पाठ की समझने की सीमा) को 200,000 टोकन्स तक बढ़ा दिया गया है, जो डीपसीक R1 के 130,000 टोकन्स के मुकाबले कहीं अधिक है। इससे यह मॉडल बड़े और जटिल डेटा सेट्स के साथ काम करने में अधिक सक्षम बन जाता है, खासकर शोध, कोडिंग और मल्टी-स्टेप reasoning के लिए।

हालांकि, एक महत्वपूर्ण अंतर अब भी बना हुआ है। GPT-03 Mini अभी भी एक closed-source (बंद-स्रोत) मॉडल है, जबकि डीपसीक R1 पूरी तरह से open-source (खुले स्रोत) है। ओपनएआई का मानना है कि उनके मॉडल को बंद रखना सुरक्षा और एआई के नैतिक उपयोग के लिए आवश्यक है। वे दावा करते हैं कि इससे गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सकता है और एआई को अधिक जिम्मेदार तरीके से विकसित किया जा सकता है। दूसरी ओर, डीपसीक का दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग है। उनका मानना है कि एआई को सभी के लिए सुलभ और अनुकूलन योग्य (customizable) होना चाहिए ताकि कोई भी इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ढाल सके। उनके अनुसार, ओपन-सोर्स एआई से नवाचार (innovation) की गति तेज होगी और बड़ी टेक कंपनियों द्वारा एआई के एकाधिकार (monopoly) को रोका जा सकेगा।

एक और बड़ा अंतर मूल्य निर्धारण (pricing) में है। ओपनएआई अपने मॉडल के लिए $110 प्रति मिलियन टोकन्स इनपुट और $440 प्रति मिलियन टोकन्स आउटपुट का शुल्क लेता है, जबकि डीपसीक R1 केवल $0.14 प्रति मिलियन टोकन्स इनपुट और $0.55 प्रति मिलियन टोकन्स आउटपुट के हिसाब से शुल्क लेता है। यह 93% की भारी कीमत का अंतर है, जिससे डीपसीक अधिक किफायती (affordable) बन जाता है। कम लागत और ओपन-सोर्स होने के कारण, डीपसीक को पहले ही Microsoft, Amazon और अन्य टेक कंपनियों द्वारा अपनाया जा चुका है। यह दर्शाता है कि ओपन-सोर्स मॉडल तेजी से कॉरपोरेट जगत में भी अपनी जगह बना रहा है।

डीपसीक ने एक और प्रमुख क्षेत्र में ओपनएआई को पीछे छोड़ दिया है—realtime web search (रीयल-टाइम वेब सर्च)। डीपसीक R1 में इंटरनेट से लाइव जानकारी लाने की क्षमता है, जो ओपनएआई के GPT-03 Mini में अभी तक मौजूद नहीं है। लेकिन ओपनएआई ने हाल ही में पुष्टि की है कि जल्द ही GPT-03 Mini में भी वेब सर्च की सुविधा जोड़ी जाएगी, जिससे यह कमी पूरी हो जाएगी। इसके अलावा, सुरक्षा (security) के मामले में भी दोनों मॉडलों के बीच बड़ा अंतर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक R1 सुरक्षा जांच में विफल रहा, जिससे यह साबित होता है कि इसे साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचनाओं के प्रसार के लिए अधिक संवेदनशील माना जा सकता है। ओपनएआई इस पहलू का उपयोग करके अपने मॉडल को एक अधिक सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।

भविष्य में यह एआई युद्ध और भी तेज हो सकता है। ओपनएआई ने अपने Stargate प्रोजेक्ट में $500 बिलियन का निवेश करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखना है। यह संकेत देता है कि ओपनएआई दीर्घकालिक एआई युद्ध की तैयारी कर रहा है और आने वाले वर्षों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा सकता है। दूसरी ओर, डीपसीक भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। यदि उन्होंने R1 मॉडल के साथ इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर ली है, तो उनके भविष्य के R2 या अन्य मॉडल एआई क्षेत्र में और भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।

मुख्य प्रश्न यह है कि क्या भविष्य में ओपनएआई को भी ओपन-सोर्स की दिशा में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा? या फिर वे अपनी मौजूदा रणनीति को बनाए रखते हुए कॉरपोरेट ग्राहकों पर अधिक ध्यान देंगे? अगर डीपसीक का विकास इसी गति से जारी रहा, तो ओपनएआई को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है।

अभी के लिए, ओपनएआई की सबसे बड़ी ताकत इसकी ब्रांड पहचान और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों से मिलने वाला समर्थन है। हालांकि, डीपसीक के पास एक महत्वपूर्ण लाभ है—इसकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और सस्ती दरों के कारण इसे अधिक से अधिक उपयोगकर्ता अपना रहे हैं। यदि ओपन-सोर्स एआई का विकास इसी तरह जारी रहा, तो यह पूरी एआई इंडस्ट्री की संरचना को बदल सकता है।

कुल मिलाकर, यह एआई युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। यह एक ऐसा संघर्ष है जो तकनीक, नियंत्रण और दर्शन (philosophy) से जुड़ा हुआ है। क्या ओपनएआई अपनी पकड़ बनाए रखेगा, या फिर डीपसीक और अन्य ओपन-सोर्स विकल्प एआई की दुनिया को पूरी तरह से बदल देंगे? आने वाले महीनों में यह लड़ाई और भी रोमांचक हो सकती है, और इसका प्रभाव पूरी टेक इंडस्ट्री पर पड़ सकता है।

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