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No More Diesel! |
जर्मनी की एक कंपनी ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो बिजली आपूर्ति की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। अब तक, जब भी किसी निर्माण स्थल, म्यूजिक कंसर्ट या फिर आपातकालीन सेवाओं को बिजली की जरूरत होती थी, तो डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता था। यह न केवल शोर करता था बल्कि प्रदूषण भी फैलाता था। लेकिन अब "इंस्टाग्रिड" नाम की एक नई तकनीक के जरिए यह समस्या हल की जा सकती है। इंस्टाग्रिड एक पोर्टेबल (portable) बैटरी पावर पैक है, जो बिना किसी उत्सर्जन के बिजली उपलब्ध कराता है। इसकी खासियत यह है कि यह हल्का, आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है और लंबी अवधि तक बिजली आपूर्ति कर सकता है।
इसका उपयोग जर्मनी की कई निर्माण कंपनियों में होने लगा है। जैसे लियोनहार्ड वाइस नाम की एक निर्माण कंपनी ने स्टील गर्डर (steel girder) की वेल्डिंग के लिए डीजल जनरेटर की बजाय इंस्टाग्रिड का इस्तेमाल शुरू किया है। वेल्डिंग करने वाले मजदूरों के लिए यह न केवल ज्यादा सुविधाजनक है बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है, क्योंकि यह किसी भी तरह का हानिकारक धुआं नहीं छोड़ता। कंपनी ने अपने निर्माण स्थलों पर लगभग 300 इंस्टाग्रिड पावर पैक तैनात किए हैं और इनके जरिए वेल्डिंग का काम बिना किसी रुकावट के किया जा रहा है। एक बैटरी लगभग 12 घंटे तक चल सकती है, जिससे यह एक भरोसेमंद विकल्प साबित हो रही है।
कई बार निर्माण कंपनियां पर्यावरण को बचाने और अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल बनाने की दिशा में नए विकल्प तलाशती रहती हैं। इस तकनीक का उपयोग न केवल शोर को कम करता है बल्कि आसपास के वातावरण को भी सुरक्षित बनाता है। पारंपरिक जनरेटर के मुकाबले यह ज्यादा किफायती और सुविधाजनक विकल्प के रूप में उभर रहा है। यही कारण है कि एंबुलेंस और दूसरी आपातकालीन सेवाओं में भी इस तकनीक का तेजी से इस्तेमाल होने लगा है।
इंस्टाग्रिड कंपनी की स्थापना 2018 में जर्मनी के लुडविग्सबर्ग (Ludwigsburg) में हुई थी और आज इसमें लगभग 170 कर्मचारी काम करते हैं। ये कर्मचारी विभिन्न देशों से आए हैं और हाई परफॉर्मेंस बैटरियां (high-performance batteries) बनाने में जुटे हैं। यह तकनीक एक छोटे पावर स्टेशन (power station) की तरह काम करती है, जिसे विभिन्न जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। खासकर उन उद्योगों के लिए जो भारी मात्रा में ऊर्जा की मांग करते हैं, इंस्टाग्रिड एक प्रभावी समाधान के रूप में सामने आ रहा है।
इसकी सबसे अनोखी बात यह है कि यह एक पारंपरिक बैटरी सिस्टम की तरह नहीं बना है। कंपनी ने इसे 24 छोटी-छोटी यूनिट्स (units) में बांट दिया है, जिसमें हर यूनिट में एक छोटा बैटरी पैक और इन्वर्टर (inverter) होता है। ये सभी यूनिट्स मिलकर एक बड़े सिस्टम की तरह काम करती हैं, जिसे एक सॉफ़्टवेयर (software) के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इससे सिस्टम अधिक विश्वसनीय और मजबूत बन जाता है।
यूरोप और अमेरिका में अब तक करीब 300 इंस्टाग्रिड बैटरी पैक बेचे जा चुके हैं और इनकी मांग लगातार बढ़ रही है, भले ही इनकी कीमत लगभग 3500 यूरो (Euro) हो। यह दर्शाता है कि कंपनियां अब डीजल जनरेटर से हटकर अधिक टिकाऊ (sustainable) और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही हैं।
हालांकि, इस तकनीक को अपनाने में कुछ चुनौतियां भी हैं। हर साल लगभग 5 करोड़ छोटे जनरेटर बाजार में आते हैं और इन सभी को बदलने में समय लगेगा। इसके अलावा, एक बड़ी समस्या यह भी है कि इन बैटरियों को चार्ज कहां किया जाए। निर्माण कंपनियों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि वे अक्सर ऐसे स्थानों पर काम करती हैं जहां बिजली उपलब्ध नहीं होती। इसलिए, डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि उसे कहीं भी आसानी से ईंधन देकर चलाया जा सकता है।
इंस्टाग्रिड बैटरियों को चार्ज करने के लिए सौर ऊर्जा (solar energy) एक संभावित समाधान हो सकता है, लेकिन यह भी हर जगह संभव नहीं होता। कई बार निर्माण स्थल बदलते रहते हैं और वहां सोलर पैनल्स (solar panels) लगाना व्यावहारिक नहीं होता। इस समस्या को हल करने के लिए कंपनी लगातार नए समाधान तलाश रही है।
सिर्फ निर्माण क्षेत्र ही नहीं, बल्कि म्यूजिक फेस्टिवल और अन्य आयोजनों में भी इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए, "सीक्रेट गार्डन पार्टी" (Secret Garden Party) फेस्टिवल में भी इस बैटरी सिस्टम का उपयोग किया गया, जिससे आयोजकों को स्वच्छ ऊर्जा का फायदा मिला।
इंस्टाग्रिड जैसी तकनीकें भविष्य में ऊर्जा उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जलवायु परिवर्तन (climate change) और प्रदूषण को देखते हुए, ऐसी तकनीकों की मांग बढ़ रही है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना बिजली की आपूर्ति कर सकें। सरकारें और कंपनियां अब ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों में निवेश कर रही हैं ताकि कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) को कम किया जा सके।
अगर इस तरह की तकनीक को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है, तो यह डीजल जनरेटर पर निर्भरता को काफी हद तक कम कर सकता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी होगा कि इन बैटरियों को ज्यादा किफायती और आसानी से उपलब्ध बनाया जाए। इसके अलावा, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर (charging infrastructure) को भी बेहतर करना होगा ताकि ये बैटरियां हर जगह आसानी से चार्ज हो सकें।
आज जब दुनिया स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) की ओर बढ़ रही है, तब इंस्टाग्रिड जैसी तकनीकें एक महत्वपूर्ण समाधान साबित हो सकती हैं। अगर इस पर और अधिक शोध किया जाए और इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जाए, तो यह न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर होगा बल्कि उद्योगों और आम लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।