A New Deadly Bat Virus Found in China! वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी!

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A New Deadly Bat Virus Found in China!

 चीन में हाल ही में एक नया बैट वायरस (Bat Virus) खोजा गया है, जिससे दुनिया भर में चिंताओं का माहौल बन गया है। यह वायरस कोरोना वायरस (Coronavirus) की ही श्रेणी में आता है और इसे वैज्ञानिकों ने HkU5-S2 नाम दिया है। इस वायरस की खोज ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को इस सोच में डाल दिया है कि क्या हमें एक और महामारी (Pandemic) का सामना करना पड़ेगा?

इस नए वायरस का संबंध चमगादड़ों से बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस जूनोटिक (Zoonotic) प्रकृति का है, जिसका मतलब यह है कि यह जानवरों से इंसानों में आ सकता है। इस वायरस को चीन की एक प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शी जिंगली (Shi Zhengli) और उनकी टीम ने खोजा है। शी जिंगली को बैट वुमन (Bat Woman) भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा चमगादड़ों पर रिसर्च करने में लगाया है।

इस वायरस की खोज ने वैज्ञानिकों और चिकित्सा जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि इसकी संरचना और प्रभाव कोविड-19 (Covid-19) से मिलते-जुलते पाए गए हैं। यह वायरस एसीई-2 (ACE-2) रिसेप्टर्स से बाइंड (Bind) कर सकता है, जो कि मानव शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने का एक जरिया होता है। कोविड-19 भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से इंसानों को संक्रमित करता था। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस अभी तक इंसानों में नहीं फैला है, लेकिन इसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

अगर हम वायरस के फैलने के तरीकों को देखें तो यह मुख्य रूप से उन स्थानों पर ज्यादा खतरा पैदा कर सकता है जहां इंसान और जानवरों का संपर्क ज्यादा होता है। कोविड-19 के समय भी ऐसा ही देखा गया था, जब चीन के वुहान (Wuhan) के सीफूड मार्केट से वायरस फैलने की संभावना जताई गई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इंसानों और चमगादड़ों के बीच की दूरी कम होती रही, तो यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है।

इस वायरस की खोज के बाद कई विशेषज्ञों ने इसे लेकर अलग-अलग राय दी है। कुछ का मानना है कि यह वायरस अभी खतरनाक नहीं है और फिलहाल इंसानों को प्रभावित करने की इसकी क्षमता सीमित है। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि वायरस समय के साथ म्यूटेशन (Mutation) करता है और उसकी संक्रामकता (Infectiousness) बढ़ सकती है।

कोविड-19 के समय हमने देखा था कि वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचा दी थी, लाखों लोगों की जान चली गई थी और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था (Economy) पर इसका भयंकर प्रभाव पड़ा था। ऐसे में अगर एक और नया वायरस उभरता है, तो यह फिर से मानव जाति के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है।

इस वायरस का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों (Lungs) पर पड़ सकता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से फेफड़ों में मौजूद एसीई-2 रिसेप्टर्स से जुड़ता है। कोविड-19 में भी यही देखा गया था कि जिन मरीजों को संक्रमण हुआ, उनके फेफड़ों में गंभीर सूजन (Inflammation) आ गई थी, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इसके अलावा, यह वायरस दिमाग (Brain) और हृदय (Heart) को भी प्रभावित कर सकता है।

हालांकि, इस वायरस को लेकर अभी तक कोई बड़ा अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस पर ध्यान दे रहा है और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस वायरस का फैलाव रोका जा सके।

इस खोज के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से इस बात पर जोर दिया है कि हमें वाइल्डलाइफ (Wildlife) और इंसानों के बीच संपर्क को कम करना होगा। पिछले कुछ दशकों में इंसानों ने जंगलों को नष्ट करके और जंगली जानवरों के रहने की जगहों को खत्म करके उन्हें इंसानी बस्तियों के करीब ला दिया है। यही वजह है कि वायरसों का ट्रांसमिशन (Transmission) बढ़ गया है।

कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि अभी इस वायरस को लेकर ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। कोविड-19 के बाद से दुनिया में कई ऐसे वायरस पाए गए हैं जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर इंसानों में संक्रमण फैलाने में असमर्थ रहे हैं।

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हम निश्चिंत होकर बैठ जाएं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस वायरस में कोई म्यूटेशन हो जाता है तो यह इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि अभी से इस पर रिसर्च की जाए और इसके प्रभावों को समझा जाए।

इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपनी स्वास्थ्य प्रणाली (Healthcare System) को और मजबूत बनाना होगा ताकि अगर भविष्य में कोई महामारी आती है तो हम उसके लिए तैयार रहें। कोविड-19 के समय हमने देखा कि कई देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं और उन्हें इस महामारी से निपटने में बहुत मुश्किल हुई थी। अगर हम पहले से ही तैयार रहें, तो हम भविष्य में किसी भी महामारी से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।

अभी के लिए, इस वायरस से कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन यह रिसर्च हमें एक चेतावनी देती है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमें न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा बल्कि पर्यावरण (Environment) को भी बचाना होगा ताकि ऐसी बीमारियों को पनपने से रोका जा सके।

इस वायरस को लेकर अब आगे क्या होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं और इसके फैलने की संभावनाओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस वायरस को लेकर कोई बड़ी अपडेट आती है, तो हमें सतर्क रहना होगा और सरकारों को भी इस पर नजर रखनी होगी।

फिलहाल, हमें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत जरूर है। हमें कोविड-19 के अनुभव से सीख लेकर अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत बनाना होगा और इस तरह के वायरसों को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।

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