vegetables near cities: शहरों के पास उगाएं ये विदेशी सब्जियां

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vegetables near cities

 शहरों के आसपास रहने वाले किसानों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है कि वे पारंपरिक खेती से हटकर उन्नत और अधिक लाभकारी फसलों की ओर बढ़ें। आजकल मेट्रो शहरों और बड़े शहरी इलाकों में विदेशी सब्जियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इन सब्जियों में ब्रोकली, पाक चोई, चेरी टमाटर, जुकिनी, मशरूम, और फ्रेंच बीन्स जैसे उत्पाद शामिल हैं। इनकी कीमतें स्थानीय मंडियों में भी अधिक रहती हैं और ऑर्गेनिक (organic) तरीकों से उगाई जाने वाली सब्जियां तो और भी महंगे दाम पर बिकती हैं।

ब्रोकली जैसी सब्जी का उत्पादन एक एकड़ में लगभग 36 क्विंटल तक हो सकता है, और इसका मूल्य प्रति किलो ₹100-₹150 तक जाता है। यदि कोई किसान तीन महीनों में इस फसल की कटाई करता है, तो उसका शुद्ध लाभ ₹3.5 लाख से अधिक हो सकता है। इसी तरह, अन्य विदेशी सब्जियों की खेती भी किसानों के लिए एक नया आय का स्रोत बन सकती है।

शहरों के पास रहने वाले किसानों को इस बात का लाभ मिलता है कि उन्हें बाजार में ताजा सब्जियां पहुंचाने में ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता। साथ ही, अगर वे अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं या बड़े रिटेलर्स तक पहुंचा पाते हैं, तो उन्हें और भी ज्यादा मुनाफा हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई किसान मल्टीप्लेक्स या सुपरमार्केट्स के साथ साझेदारी करता है और वहां फ्रेश सब्जियां सप्लाई करता है, तो इससे उनकी आमदनी कई गुना बढ़ सकती है।

सिर्फ विदेशी सब्जियां ही नहीं, बल्कि पारंपरिक फसलों को भी ऑर्गेनिक (organic) तरीके से उगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। फूलगोभी, पत्ता गोभी और टमाटर जैसी सब्जियां, अगर जैविक (organic) तरीके से उगाई जाएं, तो इनकी कीमत सामान्य सब्जियों की तुलना में दो से तीन गुना तक अधिक होती है।

टियर-2 और टियर-3 शहरों के पास रहने वाले किसानों को भी अपने क्षेत्र के हिसाब से फसल योजना बनानी चाहिए। हालांकि, इन्हें विदेशी सब्जियों की खेती करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके क्षेत्र में ऐसी फसलों की मांग और बाजार उपलब्ध है या नहीं। यदि इन क्षेत्रों में बड़े मंडियों या उपभोक्ताओं तक पहुंच की समस्या है, तो किसानों को सब्जियों की बजाय बागवानी (horticulture) की ओर ध्यान देना चाहिए। बागवानी फसलों को स्टोर करना और ट्रांसपोर्ट करना तुलनात्मक रूप से आसान होता है।

इसके अलावा, पॉलीहाउस (polyhouse) खेती भी एक बढ़िया विकल्प है। पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती से किसानों को मौसम के प्रभाव से बचने और सालभर उत्पादन करने का मौका मिलता है। उदाहरण के तौर पर, गर्मियों में जब टमाटर की सप्लाई बाजार में कम हो जाती है, उस समय पॉलीहाउस में उगाए गए टमाटर काफी ऊंचे दामों पर बिक सकते हैं।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि किसानों को अपनी भूमि का सही उपयोग करना चाहिए। पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और धान की खेती में जहां मुनाफा सीमित होता है, वहीं विदेशी सब्जियों, ऑर्गेनिक सब्जियों, और पॉलीहाउस खेती से उनकी आय में कई गुना वृद्धि हो सकती है। साथ ही, किसानों को बाजार की मांग और आपूर्ति का भी अध्ययन करना चाहिए और उसी के अनुसार अपनी फसल योजना बनानी चाहिए।

कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और आधुनिक तरीकों का उपयोग न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। किसानों को अपनी जमीन और संसाधनों का सही उपयोग कर एक सफल और लाभकारी कृषि व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।


डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। यह सामग्री विशेषज्ञ सलाह या सटीक व्यावसायिक मार्गदर्शन का विकल्प नहीं है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृपया विशेषज्ञों से परामर्श करें और अपनी स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लें। लेख में उपयोग की गई किसी भी जानकारी से उत्पन्न होने वाले किसी भी लाभ या नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। खेती के दौरान सभी सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।

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