Trump's Bold Moves on Day One: अमेरिका बदलेगा!

NCI

Trump's Bold Moves on Day One

 डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कई बड़े फैसले लेकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उन्होंने दो बड़े राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणाएँ कीं—यूएस-मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी और नेशनल एनर्जी इमरजेंसी। ये फैसले न केवल उनके चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में थे बल्कि अमेरिका की नीतियों को भी एक नए मोड़ पर ले गए। यूएस-मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी का उद्देश्य अवैध प्रवासियों को रोकना और सीमा सुरक्षा को और मजबूत करना है। उन्होंने इस कदम को यह कहते हुए सही ठहराया कि अवैध प्रवास अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि लाखों अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।

दूसरी ओर, नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की घोषणा का उद्देश्य अमेरिकी ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और ऊर्जा के बढ़ते दामों को काबू में रखना है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि महंगाई और ऊर्जा की बढ़ती कीमतें देश के आर्थिक संकट का मुख्य कारण हैं। इस घोषणा के जरिए, ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली नीति को पलटने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकों को यह तय करने का पूरा अधिकार है कि वे किस प्रकार का वाहन खरीदना चाहते हैं—पेट्रोल, डीजल या इलेक्ट्रिक।

इसके अलावा, ट्रंप ने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े बाइडन प्रशासन के आदेश को भी पलट दिया। उन्होंने उन सैनिकों को सेवा में बहाल कर दिया जिन्हें वैक्सीन न लेने के कारण हटा दिया गया था। इस कदम के तहत 8,000 से अधिक सैन्यकर्मियों को न केवल उनकी नौकरी वापस दी जाएगी, बल्कि पिछले वेतन का भुगतान भी किया जाएगा।

डोनाल्ड ट्रंप के आदेश यहीं खत्म नहीं हुए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब अमेरिका में केवल दो लिंगों को मान्यता दी जाएगी—पुरुष और महिला। ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की ट्रांसजेंडर और LGBTQ समुदाय के प्रति सहानुभूति दिखाने वाली नीतियों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने एक और चौंकाने वाला फैसला किया, जिसमें गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका रखने की घोषणा की। हालांकि, यह निर्णय कितना व्यावहारिक होगा, यह समय ही बताएगा।

ट्रंप ने अपने पहले दिन लगभग 100 कार्यकारी आदेश (executive orders) जारी किए। इन आदेशों का उद्देश्य बाइडन प्रशासन की नीतियों को पलटना और ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति को लागू करना है। कार्यकारी आदेशों के माध्यम से ट्रंप ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए कि वह बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए तैयार हैं।

इतिहास पर नजर डालें तो ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में 220 कार्यकारी आदेश जारी किए थे, जबकि बाइडन ने अपने कार्यकाल में 160। लेकिन इस बार ट्रंप ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद आदेशों की झड़ी लगा दी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आदेशों के परिणामस्वरूप अमेरिकी समाज और राजनीति में क्या बदलाव आते हैं।

ट्रंप के इन फैसलों ने उनके समर्थकों को उत्साहित किया, लेकिन उनके विरोधियों ने आलोचना की। अब यह देखना होगा कि अमेरिकी संसद (कांग्रेस) इन नीतियों को कैसे प्रभावित करती है। क्या कांग्रेस इन नीतियों के लिए आवश्यक फंडिंग को रोक देगी?

इन सबके बीच, ट्रंप का मुख्य फोकस अमेरिकी नागरिकों को यह संदेश देना है कि उनका प्रशासन अमेरिकी लोगों की प्राथमिकताओं और जरूरतों को सर्वोपरि रखेगा। ट्रंप ने अपने कदमों के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका उद्देश्य अमेरिका को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को मजबूत करना है।

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