Spanish Village |
स्पेन का एक छोटा सा गांव, पेस्क्वेसो (Pescueza), दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। यह गांव बुजुर्गों की देखभाल और उनकी स्वतंत्रता के लिए अद्वितीय दृष्टिकोण अपनाता है। पेस्क्वेसो की गलियां और यहां का वातावरण बुजुर्गों के लिए अनुकूल बनाया गया है, जहां उन्हें किसी भी चीज़ में असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता। गांव में बुजुर्गों के लिए विशेष घर हैं और ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं जिससे वे अपनी दैनिक गतिविधियां स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं।
85 वर्षीय आर्मीनिया जैसी महिलाएं इस गांव में अपने जैतून के पेड़ों की देखभाल करते हुए खुशहाल जीवन बिता रही हैं। वह बताती हैं कि वह सेंटर में रहती हैं लेकिन जब चाहें, बाहर जा सकती हैं। उनका कहना है कि यहां पर उन्हें स्वतंत्रता के साथ-साथ हर संभव सुविधा मिलती है। इस गांव में केवल 150 लोग रहते हैं, लेकिन यह छोटा सा समुदाय एक जीवंत और आत्मनिर्भर इकाई के रूप में काम करता है। यहां पर बुजुर्गों के लिए एक केंद्र बनाया गया है, जो न केवल उनके लिए उपयोगी है बल्कि पूरे गांव की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को भी बनाए रखता है।
97 वर्षीय कोसती, जो गांव की सबसे बुजुर्ग निवासी हैं, बताती हैं कि वह अपने बच्चों के गांव छोड़ देने के बावजूद यहीं रहना चाहती हैं। उनके लिए पड़ोसियों और रिश्तेदारों का साथ बेहद खास है। यहां का माहौल ऐसा है जहां हर कोई एक परिवार की तरह है। यह बुजुर्ग अपनी दिनचर्या खुद तय करते हैं और किसी पूर्व निर्धारित रूटीन का पालन करने की बाध्यता नहीं है।
इस गांव के बुजुर्गों की देखभाल के लिए बने केंद्र को एक स्थानीय संगठन संचालित करता है। इस पहल ने न केवल बुजुर्गों की जिंदगी को आसान बनाया है, बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है। इस केंद्र के अध्यक्ष क्रिस्टीना का मानना है कि इस मॉडल ने गांव को जीवंत और आत्मनिर्भर बना दिया है। जब तक निवासी यहीं रहेंगे, तब तक यहां काम के अवसर बने रहेंगे। गांव के बीचोंबीच एक छोटा सा सुपरमार्केट भी है, जहां से लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं।
गांव के पूर्व मेयर, होसे विसेंट, जिन्होंने इस परियोजना को आरंभ करने में मदद की थी, कहते हैं कि यह योजना इसलिए सफल रही क्योंकि इसमें गांव के सभी लोगों ने योगदान दिया। यह मॉडल किसी भी बड़े संगठन के लिए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं लगता, लेकिन स्थानीय समुदाय की एकजुटता ने इसे संभव बनाया। हालांकि, इस सेंटर को सरकारी सब्सिडी की आवश्यकता है और इसके खत्म होने की संभावना गांववासियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
आर्मीनिया, जो जैतून की खेती करती हैं, को उम्मीद है कि यह केंद्र किसी न किसी तरह जारी रहेगा। वह खुश हैं कि उन्होंने समय रहते यहां अपनी जगह सुनिश्चित कर ली। उनका कहना है कि अगर उन्हें तत्काल सहायता की जरूरत होती, तो शायद उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती।
पेस्क्वेसो में आधे से अधिक लोगों की उम्र 60 साल से अधिक है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन गांव ने यह ठान लिया है कि वह अपने बुजुर्गों को अकेला नहीं छोड़ने देगा। यह मॉडल दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए एक मिसाल है कि बुजुर्गों की देखभाल और उनके जीवन को सुखद बनाना कितना महत्वपूर्ण है।
इस छोटे से गांव की कहानी एक ऐसे समाज की झलक देती है जो बुजुर्गों को बोझ नहीं, बल्कि अपने समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है। पेस्क्वेसो जैसे गांव हमें सिखाते हैं कि एकजुटता और देखभाल से किस तरह एक समुदाय को मजबूत और खुशहाल बनाया जा सकता है।