Putin’s Deadly Plan |
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग ने दुनिया का ध्यान खींचा है और इसे आधुनिक युग की सबसे विवादास्पद और विध्वंसक लड़ाइयों में से एक माना जा रहा है। इस संघर्ष ने 2025 में भी अपनी स्थिति को बनाए रखा है, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि यह युद्ध कब खत्म होगा। रूस, एक प्रमुख सैन्य शक्ति होने के बावजूद, इस संघर्ष में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, रूस के करीब 7,80,000 सैनिक मारे गए हैं और 3,000 से अधिक टैंक तबाह हो चुके हैं। इन भारी नुकसानों के बावजूद, रूस ने अपनी पूरी ताकत इस युद्ध में झोंक दी है और लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है।
यूक्रेन ने भी अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए रूस को गंभीर झटके दिए हैं। नवंबर 2023 तक, यूक्रेन ने दावा किया कि रूस को इस युद्ध में तीन अरब डॉलर से अधिक के हथियारों का नुकसान हुआ है। हाल ही में, यूक्रेन ने बाल्टिक सागर में रूसी नौसेना के बेड़े को नुकसान पहुंचाया, जो इस संघर्ष का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस भारी आर्थिक और सैन्य नुकसान के बावजूद, रूस ने अपनी सेना के लिए सरकारी खर्च को 40% तक बढ़ा दिया है, जो इस बात का प्रमाण है कि रूस इस युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार नहीं है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस युद्ध में अपनी अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक का भी उपयोग किया है। इनमें किंजल, जरकन, और रेस्टिक जैसी मिसाइलें शामिल हैं। किंजल, जो हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, 2018 में पुतिन द्वारा प्रस्तुत की गई थी। यह मिसाइल मिग 31 लड़ाकू जेट से लॉन्च की जाती है और इसे युद्ध के दौरान पश्चिमी यूक्रेन के हथियार डिपो पर हमले में उपयोग किया गया। जरकन, एक और हाइपरसोनिक मिसाइल, जिसकी गति ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक है, यूक्रेन के निप्रो शहर पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई थी। इसके अलावा, रेस्टिक मिसाइल, जो आवाज की गति से दस गुना तेज हो सकती है, ने भी इस युद्ध में रूस की क्षमताओं को बढ़ाया है।
रूस ने इन मिसाइलों के उत्पादन में तेजी ला दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि यूक्रेन के लिए आने वाले दिन और भी कठिन हो सकते हैं। इस बीच, अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और आर्थिक मदद में कटौती करने की संभावना है। यह यूक्रेन के लिए एक और बड़ी चुनौती हो सकती है। इसके विपरीत, रूस ईरान और उत्तर कोरिया से मिलने वाली मिसाइलों का उपयोग बढ़ा रहा है, जो यूक्रेन के लिए और अधिक खतरा पैदा कर सकता है।
यह जंग केवल रूस और यूक्रेन तक सीमित नहीं रही है, बल्कि यह वैश्विक भू-राजनीति में भी बदलाव ला रही है। नाटो देशों और अन्य विश्व शक्तियों की भूमिका भी इस युद्ध के परिणामों को प्रभावित कर सकती है। रूस के पास अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं दिखता, जबकि यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस युद्ध ने न केवल दोनों देशों को, बल्कि दुनिया को भी आर्थिक और सामाजिक स्तर पर प्रभावित किया है। ऊर्जा संकट, हथियारों की होड़, और वैश्विक राजनीति में अस्थिरता इस संघर्ष के प्रत्यक्ष परिणाम हैं। यह कहना मुश्किल है कि यह जंग कब खत्म होगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसके प्रभाव लंबे समय तक महसूस किए जाएंगे।