Muskmelon Farming: 60 दिन में खरबूजे से मुनाफा!

NCI

Muskmelon Farming

 कम समय में अधिक कमाई की चाहत हर किसान की होती है, और खरबूजे की खेती इस सपने को साकार करने का एक बेहतरीन माध्यम हो सकती है। सिर्फ 60 से 65 दिनों में खरबूजे की फसल तैयार हो जाती है, जो मेहनत का तुरंत फल देती है। बाजार में इसकी बढ़ती मांग के चलते यह किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बनता जा रहा है। खरबूजे की खेती कम लागत में अधिक उत्पादन और मुनाफे का सुनहरा अवसर प्रदान करती है।

खरबूजे की खेती के लिए सही समय का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। इसे दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर मार्च के मध्य तक किया जा सकता है। अगेती फसल के लिए दिसंबर से जनवरी का समय उपयुक्त होता है, जबकि फरवरी में खेती सबसे बेहतर मानी जाती है। मार्च के महीने में पचेती फसल की बुवाई की जाती है। ठंड में पाले के खतरे से बचाने के लिए किसान लो टनल तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसमें पौधों को सुरक्षित रखा जाता है।

बीजों के चुनाव में कुंदन और कस्तूरी वैरायटी सबसे लोकप्रिय हैं। एक एकड़ खेत में खरबूजे की बुवाई के लिए लगभग 300 ग्राम बीजों की आवश्यकता होती है। कुंदन वैरायटी की लागत करीब 18990 रुपये आती है, जबकि कस्तूरी वैरायटी का खर्चा थोड़ा कम होता है। इसके अलावा, खेत की तैयारी, खाद, फंगीसाइड, इंसेक्टिसाइड और ट्रांसपोर्टेशन जैसे खर्चे मिलाकर कुल लागत लगभग 36690 रुपये से 66990 रुपये तक होती है।

फसल के अच्छे उत्पादन के लिए मल्चिंग पेपर और उन्नत खाद तकनीकों का उपयोग किया जाता है। सही समय पर बुवाई और रोग मुक्त पौधों के प्रबंधन से एक एकड़ खेत से 150 क्विंटल तक का उत्पादन संभव है। उत्पादन को नुकसान से बचाने के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रेप का उपयोग किया जाता है, जिसे घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है। गुड़, सिरका (एप्पल विनेगर) और पानी के मिश्रण से तैयार यह ट्रेप फलों को मक्खी से बचाने में बेहद प्रभावी है।

खरबूजे का औसत मंडी भाव 10 रुपये प्रति किलो होता है। अगर एक एकड़ में 150 क्विंटल उत्पादन होता है, तो इसकी कुल आमदनी 1.5 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इसी आधार पर, लागत निकालने के बाद मुनाफा आसानी से 80,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक हो सकता है। अगर मंडी भाव बढ़कर 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाए, तो यह लाभ 3 लाख रुपये से अधिक हो सकता है।

खरबूजे की खेती न केवल कम समय में लाभ कमाने का माध्यम है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करती है। उचित योजना, सही समय पर खेती और उन्नत तकनीकों के उपयोग से यह फसल हर किसान के लिए आर्थिक स्थिरता का आधार बन सकती है। तीन महीने में लाखों रुपये का मुनाफा एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है।

किसान भाइयों को इस तकनीक को अपनाने से न केवल वित्तीय लाभ होगा, बल्कि उन्हें खेती की नई तकनीकों का अनुभव भी मिलेगा। इस जानकारी को अधिक से अधिक साझा करें ताकि हर किसान इसका लाभ उठा सके। जय जवान, जय किसान।



डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। यह सामग्री विशेषज्ञ सलाह या सटीक व्यावसायिक मार्गदर्शन का विकल्प नहीं है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृपया विशेषज्ञों से परामर्श करें और अपनी स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लें। लेख में उपयोग की गई किसी भी जानकारी से उत्पन्न होने वाले किसी भी लाभ या नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। खेती के दौरान सभी सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top