Indian Students in Canada |
कनाडा में भारतीय छात्रों के जीवन की सच्चाई अक्सर कल्पनाओं और सपनों से बिल्कुल अलग होती है। हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय से यह स्पष्ट होता है कि विदेश जाकर पढ़ाई करने का निर्णय कई भारतीय छात्रों के लिए भारी चुनौतियां लेकर आता है। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा में बेहतर शिक्षा और नौकरी की तलाश में जाते हैं, लेकिन वहां के हालात उनके सपनों से मेल नहीं खाते। पढ़ाई के लिए भारी शिक्षा ऋण (loan) लेना और बाद में नौकरी न मिल पाने की समस्या ने इन छात्रों के जीवन को अत्यंत कठिन बना दिया है।
कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले कई छात्र लाखों रुपये का कर्ज लेकर विदेश जाते हैं। यह कर्ज कभी-कभी 20 लाख से 40 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। उम्मीद यह होती है कि वे विदेश में पढ़ाई पूरी करके अच्छी नौकरी करेंगे और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारेंगे। लेकिन वास्तविकता यह है कि वहां रोजगार के अवसर सीमित होते जा रहे हैं। अनेक छात्र पीएचडी और मास्टर डिग्री जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद सिर्फ घंटे के हिसाब से काम करने को मजबूर हैं।
ऐसे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। पढ़ाई और नौकरी की चिंताओं के चलते अवसाद (depression) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई छात्रों को तनाव से राहत पाने के लिए मादक पदार्थों (drugs) का सहारा लेना पड़ता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, हर महीने ऐसे पांच से आठ मामले सामने आते हैं, जहां भारतीय छात्र अत्यधिक शराब या ड्रग्स का सेवन कर रहे होते हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई छात्रों को थेरेपी सेशंस की आवश्यकता होती है, लेकिन इन सत्रों की कीमत अधिक होने के कारण हर कोई इसका खर्च उठाने में सक्षम नहीं होता।
इन छात्रों की वित्तीय कठिनाइयां भी गंभीर हैं। कनाडा में किराए (rent) और अन्य खर्चे अत्यधिक हैं। जो छात्र पार्ट-टाइम नौकरी पर निर्भर रहते हैं, वे भी गिग इकॉनमी (gig economy) में गिरावट के कारण कम आय प्राप्त कर रहे हैं। कई छात्रों को अपने खर्च कम करने के लिए बेहद कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं, जैसे कि खराब हालात में रहने वाले अपार्टमेंट में शिफ्ट होना या भोजन पर बचत करना। इसके बावजूद, नशे की आदतें पूरी करने के लिए वे कभी-कभी अपने परिवार से पैसे मांगने या अन्य अजीबोगरीब उपाय अपनाने को मजबूर हो जाते हैं।
ड्रग्स की समस्या भी एक बड़ी चिंता का विषय है। ड्रग डीलर्स छात्रों को उधार पर मादक पदार्थ देते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। यदि किसी छात्र को ड्रग्स के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे अपने देश वापस भेजा जा सकता है। इससे उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों पर बुरा असर पड़ता है। इन समस्याओं के बावजूद, कई छात्र अपनी मानसिक और शारीरिक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए उचित परामर्श या मदद लेने में सक्षम नहीं होते।
कई छात्र अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए कॉलेज द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त काउंसलिंग का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, यह समाधान पूरी तरह से पर्याप्त नहीं है। आर्थिक समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के चलते कई छात्र अवसादग्रस्त हो जाते हैं।
इन सभी समस्याओं को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कनाडा में भारतीय छात्रों के लिए जीवन उतना सरल नहीं है जितना दिखता है। बाहरी दुनिया से यह जीवन भले ही आकर्षक और शानदार दिखे, लेकिन असलियत में यह कई चुनौतियों और संघर्षों से भरा हुआ है। जो छात्र विदेश जाने का सपना देखते हैं, उन्हें इन कठिनाइयों के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। उनके लिए यह जरूरी है कि वे अपने फैसले सोच-समझकर लें और केवल सपनों के पीछे न भागें।