Unveiling Chilling Secrets: डरावने बंगले का सच

NCI

Chilling Secrets

 एक बार एक छोटे से पहाड़ी शहर में, जहां ऊंचे देवदार के पेड़ और ठंडी हवाएं हमेशा चलती रहती थीं, एक खूबसूरत लाल पत्थरों का बना बंगला था। यह बंगला शहर के बाकी घरों से अलग था। दूर से देखने पर यह जगह किसी सपने जैसा लगता था, लेकिन यह बंगला कई रहस्यों को अपने भीतर समेटे हुए था।

इस बंगले में एक समय जॉन नाम का अंग्रेज रहता था। जॉन का व्यक्तित्व सख्त और प्रभावी था। वह अपने सरकारी काम की वजह से इस शांत इलाके में रहने आया था। उसके साथ उसकी पत्नी एमी भी थी। एमी बेहद खूबसूरत और हंसमुख महिला थी। उनका रिश्ता प्यार और विश्वास से भरा हुआ था। इस बंगले को उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे पलों के लिए चुना था।

जॉन और एमी ने मिलकर इस बंगले को सजाया। लाल पत्थरों की दीवारों के साथ सफेद पर्दे, बगीचे में रंग-बिरंगे फूल, और एक सुंदर झूला, यह सब उनके प्यार को दर्शाता था। पहाड़ी इलाका, ठंडी हवाएं और बंगले के चारों ओर का एकांत, सब कुछ एक परफेक्ट जिंदगी की तस्वीर पेश करता था।

लेकिन उनकी इस खुशहाल जिंदगी में एक परछाई तब आई, जब जॉन के ऑफिस में काम करने वाला रिचर्ड उनकी जिंदगी में आया। रिचर्ड शुरू में एक अच्छे दोस्त की तरह था। वह अक्सर जॉन के साथ बंगले पर आता और उनके साथ चाय पीता, बातचीत करता। लेकिन धीरे-धीरे रिचर्ड की नजरें एमी की खूबसूरती पर टिक गईं।

रिचर्ड अब बहाने से जॉन के घर आने लगा। कभी किसी फाइल के काम के बहाने, तो कभी कोई जरूरी संदेश देने के बहाने। एमी बहुत ही सरल स्वभाव की महिला थी। उसे रिचर्ड की नीयत पर कभी शक नहीं हुआ। वह हमेशा हंसते हुए उसका स्वागत करती।

जॉन को भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि रिचर्ड की नीयत खराब हो चुकी है। वह रिचर्ड पर विश्वास करता था और उसे अपना दोस्त मानता था। लेकिन रिचर्ड धीरे-धीरे अपनी हदें पार करने लगा।

एक शाम, जॉन सरकारी काम से शहर से बाहर गया था। यह रिचर्ड के लिए सुनहरा मौका था। वह फूलों का एक बड़ा सा गुलदस्ता लेकर बंगले पर पहुंचा। एमी ने दरवाजा खोला, तो उसने मुस्कुराते हुए गुलदस्ता उसकी तरफ बढ़ा दिया।

"यह फूल भी आपकी खूबसूरती के सामने फीके लगते हैं," रिचर्ड ने कहा।

एमी थोड़ी असहज हुई, लेकिन उसने फूल ले लिए। इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, रिचर्ड ने उसे गले लगाने की कोशिश की। एमी तुरंत पीछे हट गई और गुस्से से रिचर्ड को डांटने लगी। लेकिन उसी समय दरवाजे पर जॉन की गाड़ी का हॉर्न बजा।

रिचर्ड घबरा गया और तुरंत एक तरफ खड़ा हो गया। जॉन ने अंदर आकर देखा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वह चुपचाप वापस अपनी गाड़ी में बैठकर बंगले से बाहर निकल गया। लेकिन जॉन ने इस घटना को यूं ही नहीं जाने दिया। उसने उसी समय एक योजना बनाई।

रात को जब सब सो रहे थे, जॉन वापस बंगले में आया। वह बंगले के पीछे के दरवाजे से अंदर घुसा। बेडरूम में पहुंचते ही उसने देखा कि रिचर्ड एमी के पास खड़ा है। गुस्से से तिलमिलाए जॉन ने अपनी बंदूक निकाली और रिचर्ड पर गोली चला दी।

रिचर्ड चीखते हुए फर्श पर गिर गया। एमी घबराई हुई जॉन के पास आई, लेकिन जॉन ने उसकी बात सुनने से इनकार कर दिया। उसने एमी को भी नहीं बख्शा। अपने गुस्से में उसने एमी को भी गोली मार दी।

जॉन ने अपने नौकर रामू को बुलाया और उससे लाशों को गाड़ने में मदद मांगी। दोनों ने मिलकर लाशों को बंगले के पीछे बगीचे में दफना दिया। जॉन ने रामू को पैसे दिए और कहा कि वह इस घटना का जिक्र किसी से न करे।

जॉन ने उसके बाद बंगले को हमेशा के लिए छोड़ दिया। उसने यह जगह छोड़कर कहीं और जाने का फैसला किया।

समय बीतता गया। बंगला खाली हो गया, लेकिन उसकी खौफनाक कहानियां शहर में फैलने लगीं। कहते हैं कि रात के समय बंगले से एक औरत के रोने और चीखने की आवाजें आती थीं। कुछ लोग कहते थे कि उन्होंने वहां एक महिला को सफेद साड़ी में घूमते हुए देखा है।

बरसों बाद, सरकार ने इस बंगले को रेस्ट हाउस में बदलने का फैसला किया। टूरिस्ट यहां आने लगे, लेकिन कोई भी रात में रुकने की हिम्मत नहीं करता था। एक दिन, सरकारी अधिकारी अर्जुन ने खुद वहां रात में रुकने का फैसला किया।

अर्जुन ने अपने सहायक करीम से कहा कि वह शाम से पहले खाने-पीने का सारा इंतजाम कर दे। करीम ने डरते हुए कहा, "साहब, यहां रात को रहना सही नहीं है। इस जगह पर कुछ ठीक नहीं है।"

लेकिन अर्जुन ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया। शाम को जब करीम वहां से चला गया, तो अर्जुन अकेला बंगले में रह गया। उसने अपने लिए चाय बनाई और रेडियो पर गाने सुनने लगा।

रात के करीब सात बजे, दरवाजे पर दस्तक हुई। अर्जुन ने सोचा कि करीम वापस आ गया होगा। लेकिन जब उसने दरवाजा खोला, तो सामने सफेद साड़ी में एक औरत खड़ी थी। उसकी आंखें सुर्ख लाल थीं और चेहरे पर एक अजीब सा गुस्सा था।

अर्जुन चीखते हुए वहीं गिर पड़ा। अगली सुबह, जब करीम आया, तो उसने अर्जुन को बेहोश पाया। इसके बाद, सरकार ने उस बंगले को हमेशा के लिए बंद कर दिया।

आज भी लोग उस बंगले की खौफनाक कहानियां सुनाते हैं। कहते हैं कि वहां की आत्माएं आज भी इंसाफ का इंतजार कर रही हैं। रात में उस बंगले से आज भी चीखों की आवाजें आती हैं, और लोग डर के मारे उस इलाके के पास जाने से भी कतराते हैं।

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