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हाल ही में राजस्थान से मुंबई जाने वाली अरावली एक्सप्रेस (Aravali Express) में एक बड़ी घटना सामने आई। इस ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को उस समय बड़ा झटका लगा जब रिंगस स्टेशन के पास कई यात्रियों के बैग चोरी हो गए। यात्रियों का कहना है कि इस घटना में लगभग 5-6 बैग चोरी हुए, जिनमें लाखों रुपए के कीमती सामान (valuable items) और ज्वेलरी शामिल थे। इस घटना के बाद ट्रेन में हंगामा मच गया, और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
चोरी की शुरुआत और यात्रियों की प्रतिक्रिया
ट्रेन जैसे ही रिंगस स्टेशन के नजदीक पहुंची, एक महिला ने सबसे पहले नोटिस किया कि उसका बैग गायब है। धीरे-धीरे अन्य यात्रियों को भी पता चला कि उनके बैग चोरी हो चुके हैं। यात्रियों ने दावा किया कि ट्रेन में सुरक्षा के नाम पर कोई भी आरपीएफ (Railway Protection Force) का जवान मौजूद नहीं था। स्थिति और बिगड़ गई जब शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का कोई सहयोग नहीं मिला।
राजेंद्र चौधरी, जो सूरत से यात्रा कर रहे थे, उनके अलावा अन्य महिलाओं और यात्रियों के बैग भी चोरी हुए। यात्रियों ने बताया कि चोरी किए गए सामान में उनकी ज्वेलरी, कपड़े और नकदी शामिल थी। इतना कीमती सामान गायब हो जाने पर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने ट्रेन की चेन खींचकर गाड़ी को रोकने की कोशिश की।
चेन पुलिंग के बावजूद ट्रेन का न रुकना
घटना के दौरान यात्रियों ने बार-बार चेन पुलिंग की, लेकिन ट्रेन रुकने में काफी समय लगा। यात्रियों का कहना था कि पहली बार चेन पुलिंग करने पर ट्रेन नहीं रुकी, दूसरी और तीसरी बार भी यही स्थिति रही। चौथी बार चेन पुलिंग करने पर ट्रेन आखिरकार रुकी। यह रेलवे की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है कि आपातकालीन स्थिति में भी ट्रेन को नियंत्रित करने में कितनी देरी होती है।
शिकायत दर्ज कराने में लापरवाही
चोरी की घटना के बाद यात्रियों ने रेलवे अधिकारियों से शिकायत दर्ज करने की गुहार लगाई। हालांकि, यात्रियों का कहना था कि आरपीएफ जवानों ने शुरुआत में शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। यात्रियों ने आरोप लगाया कि जब तक स्थिति बेकाबू नहीं हो गई, तब तक कोई भी रेलवे कर्मचारी मदद के लिए सामने नहीं आया।
यात्रियों ने कहा:
"हम ट्रेन में सफर कर रहे थे, लेकिन न कोई सुरक्षा कर्मी था और न ही टीटी (Train Ticket Examiner) हमारी शिकायत सुनने के लिए आया।"
सीसीटीवी और सुरक्षा पर सवाल
इस घटना में यात्रियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, फिर भी चोरी का पता क्यों नहीं लगाया जा सका। यात्रियों का मानना है कि अगर प्रशासन चाहे, तो सीसीटीवी फुटेज की मदद से चोरों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
एक यात्री ने कहा:
"अगर ट्रेन रोक कर सीसीटीवी फुटेज चेक किया जाए, तो यह संभव है कि चोरों का पता लगाया जा सके। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है।"
महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल
इस घटना में खासकर महिलाओं के बैग चोरी होने के बाद महिला यात्रियों ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। महिलाओं का कहना था कि रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है। ट्रेन में कोई गार्ड मौजूद नहीं था और न ही कोई तुरंत कार्रवाई करने वाला अधिकारी। इस घटना के बाद महिलाओं ने कहा कि इस तरह की स्थिति में यात्रा करना असुरक्षित महसूस होता है।
मीडिया के माध्यम से आवाज उठाने की कोशिश
चोरी से परेशान यात्रियों ने अंततः मीडिया की मदद लेने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि रेलवे की लापरवाही और सुरक्षा की कमी के कारण ही इस तरह की घटनाएं लगातार होती हैं। मीडिया के माध्यम से इस घटना को उठाने की कोशिश की गई ताकि रेलवे प्रशासन जागे और अपनी जिम्मेदारियों को समझे।
समाधान की उम्मीद
यात्रियों ने रेलवे से निम्नलिखित मांगें कीं:
- सीसीटीवी फुटेज की जांच कर चोरों को पकड़ा जाए।
- हर ट्रेन में आरपीएफ जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
- चेन पुलिंग सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि आपातकाल में ट्रेन तुरंत रुक सके।
- यात्रियों की शिकायतों को तुरंत दर्ज कर समाधान दिया जाए।
- खासकर महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए ताकि वे बिना किसी डर के यात्रा कर सकें।
यात्री सुरक्षा की बड़ी चुनौती
इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यात्रियों के लिए सफर अब सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि जोखिम भरा बनता जा रहा है। ट्रेन जैसे माध्यम को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि भारतीय रेलवे को सुरक्षा के मामलों में सुधार की सख्त जरूरत है। यात्रियों की शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देना और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना समय की मांग है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो यात्रियों का रेलवे पर से विश्वास कम होता जाएगा।
यात्रियों की सुरक्षा और शिकायतों को प्राथमिकता देकर ही इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। रेलवे को चाहिए कि यात्रियों की परेशानियों का तत्काल समाधान निकाले और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे ताकि सभी यात्री सुरक्षित और निश्चिंत होकर सफर कर सकें।