Survival Horror Plane Crash: बर्फ में फंसे लोगों ने अपने दोस्तों को खाया!

NCI

Plane Crash

 यह कहानी 1972 में घटी एक हृदयविदारक विमान दुर्घटना की है, जो न केवल मानवीय संघर्ष का उदाहरण है, बल्कि इंसानी जिजीविषा और अस्तित्व के लिए किए गए संघर्ष को भी उजागर करती है। यह कहानी उरुग्वे की फ्लाइट 571 की है, जो 13 अक्टूबर को एंडीज पर्वत श्रृंखला में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस विमान में कुल 45 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकतर एक रग्बी टीम के खिलाड़ी और उनके परिवार के सदस्य थे। यह टीम सैंटियागो, चिली में एक महत्वपूर्ण मैच खेलने जा रही थी। उत्साह और उमंग से भरे इन यात्रियों को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा संघर्ष बन जाएगी।

विमान उड़ान भरने के बाद जल्दी ही खराब मौसम की चपेट में आ गया। एंडीज पर्वत श्रृंखला के ऊपर से उड़ते हुए पायलट ने रास्ता भटकने की गलती की, और विमान सीधे पर्वत से टकरा गया। इस भयंकर टक्कर के परिणामस्वरूप विमान के दो हिस्से हो गए, और उसमें सवार कई यात्रियों की तत्काल मौत हो गई। बचे हुए लोगों को कड़कड़ाती ठंड, बर्फीले तूफान और भोजन की कमी जैसी घातक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। विमान के दुर्घटनास्थल पर चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ थी, और खाने के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं था।

बचे हुए यात्रियों को जिंदा रहने के लिए कई कठोर और अमानवीय कदम उठाने पड़े। जब भोजन के सारे साधन समाप्त हो गए, तो उन्होंने अपने साथियों की मृत देह को खाना शुरू किया। यह निर्णय उनके लिए कितना कठिन रहा होगा, इसका केवल अनुमान लगाया जा सकता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संघर्ष भी था, जिसमें उन्हें अपनी नैतिकता और अस्तित्व के बीच संतुलन बनाना था।

इस त्रासदी के दौरान, बचे हुए लोगों ने एक-दूसरे का सहारा बनकर और सहयोग करते हुए कठिन परिस्थितियों का सामना किया। उन्होंने विमान के अवशेषों का उपयोग शरणस्थल बनाने के लिए किया, और अपने शरीर को ठंड से बचाने के लिए बर्फ की गुफाएं तैयार कीं। उनकी एकता और हिम्मत के कारण ही वे इतने लंबे समय तक जीवित रह पाए।

इस दुर्घटना के बाद, राहत और बचाव कार्य भी तत्काल शुरू नहीं हो सका, क्योंकि विमान एंडीज पर्वत के कठिन भूगोल में स्थित था। कई हफ्तों तक किसी भी प्रकार की मदद नहीं पहुंच सकी। अंततः, 23 दिसंबर को, दो बचे हुए यात्रियों ने साहसिक कदम उठाकर बर्फीले पर्वतों को पार किया और सहायता की खोज में निकल पड़े। उनकी यह यात्रा एक असंभव सी लगने वाली चुनौती थी, लेकिन उन्होंने इसे पूरा किया और सहायता लेकर आए। उनके प्रयासों के कारण ही बाकी बचे हुए लोग अंततः बचाए जा सके।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि इंसान के अंदर कितनी असीमित क्षमता होती है। जब परिस्थितियां कठिन होती हैं, तब भी मानव मनोबल और जीवटता के बल पर वह अकल्पनीय बाधाओं को पार कर सकता है। एंडीज की यह घटना न केवल एक दुर्घटना थी, बल्कि यह मानव इतिहास में अस्तित्व के संघर्ष का एक जीवंत उदाहरण है।

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