Pakistan's Beggars |
पाकिस्तान में भिखारियों की समस्या न केवल देश की सीमाओं तक सीमित है, बल्कि इसका असर सऊदी अरब जैसे अन्य देशों तक भी दिखाई दे रहा है। हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है कि उनके भिखारी यदि सऊदी अरब की सीमाओं में भीख मांगते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। यह चेतावनी सऊदी अरब के कड़े एंटी-बैगिंग कानूनों के तहत दी गई है, जिनके अनुसार किसी भी व्यक्ति को सड़कों पर भीख मांगने पर 6 महीने की जेल और 50,000 रियाल का जुर्माना भरना पड़ता है।
दुनिया भर में भिखारियों की समस्या बढ़ती जा रही है, और रिपोर्ट्स के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 90% भिखारी पाकिस्तान के होते हैं। ये भिखारी सऊदी अरब और अन्य देशों में जाकर भीख मांगने लगते हैं, जिससे वहां की स्थानीय सरकारों को परेशानी होती है। विशेष रूप से सऊदी अरब में, जहां उमरा और हज के लिए बड़ी संख्या में लोग हर साल पहुंचते हैं, वहां पाकिस्तान से आने वाले लोग भीख मांगने की गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।
हाल ही में लाहौर एयरपोर्ट पर 16 भिखारियों को फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया, जो सऊदी अरब जाकर भीख मांगने की योजना बना रहे थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे सऊदी अरब में भीख मांगने के लिए जा रहे थे, क्योंकि पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है। पाकिस्तान में महंगाई दर इतनी बढ़ गई है कि रोजमर्रा की चीजें जैसे चीनी 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
पाकिस्तान सरकार ने अब एक "नो-फ्लाई लिस्ट" जारी की है, जिसमें लगभग 4300 भिखारियों के नाम शामिल हैं, जिन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम सऊदी अरब के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के लिए उठाया गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि पाकिस्तान में यह समस्या इतनी गंभीर क्यों हो रही है? इसका उत्तर देश की कमजोर सरकारी नीतियों और नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी में छिपा है।
भारत में, जहां भिखारियों के लिए 1959 में बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट लागू किया गया था, वहां भी सड़कों पर भिखारियों को देखा जा सकता है। हालांकि, भारत में भिखारियों को रिहैब सेंटर में भेजने की व्यवस्था है और उन्हें भोजन व आवास जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। इसके विपरीत, पाकिस्तान में ऐसा कोई केंद्रीय कानून नहीं है, जिससे भिखारियों की समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
सऊदी अरब ने सितंबर 2021 में एक एंटी-बैगिंग लॉ लागू किया था, जिसके तहत भीख मांगने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाती है। इसके बावजूद, पाकिस्तान के भिखारी अक्सर सऊदी अरब की सड़कों पर देखे जाते हैं। 2023 में रमजान के महीने में दुबई प्रशासन ने एक बड़ा अभियान चलाकर 200 से अधिक भिखारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तान मूल की महिलाएं थीं।
पाकिस्तान की सरकार ने सऊदी अरब को यह आश्वासन दिया है कि वे इस समस्या को हल करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे। लेकिन यह समस्या केवल कानून लागू करने से नहीं सुलझ सकती। इसके लिए पाकिस्तान को अपने नागरिकों को बेहतर रोजगार के अवसर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
इस मुद्दे का समाधान केवल कानूनी उपायों से नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए व्यापक सामाजिक और आर्थिक बदलावों की आवश्यकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान आने वाले समय में इस समस्या को किस हद तक सुलझा पाता है और अपने नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर पाता है।