Pakistan to Get Chinese Jets: भारत को सतर्क रहना होगा!

NCI

Pakistan to Get Chinese Jets

 पाकिस्तान और चीन के बीच हाल ही में हुए समझौते ने एक नया विवाद पैदा कर दिया है। चीन ने पाकिस्तान को 40 स्टेल्थ फाइटर जेट्स देने का फैसला किया है, जो वैश्विक स्तर पर पहली बार किसी देश को एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और वह आईएमएफ से बार-बार सहायता मांग रहा है। इसके बावजूद, उसने इस समझौते को अंजाम दिया है। पाकिस्तान का यह कदम भारतीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है, क्योंकि भारत के पास फिलहाल ऐसी पूरी तरह स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस फाइटर जेट्स नहीं हैं। भारतीय तेजस और फ्रांस से प्राप्त रफाल फाइटर जेट्स उन्नत हैं, लेकिन इनमें पूर्ण स्टेल्थ तकनीक की कमी है।

पाकिस्तान को जो J-35 फाइटर जेट्स मिलेंगे, वे फिफ्थ जनरेशन के विमान हैं और स्टेल्थ तकनीक से सुसज्जित हैं। यह तकनीक रडार वेव्स को अवशोषित कर लेती है और विमान को रडार की पकड़ में आने से बचाती है। इन विमानों के डिज़ाइन को खासतौर पर एरोडायनामिक्स के नियमों को ध्यान में रखकर बनाया गया है ताकि रडार वेव्स को रिफ्लेक्ट किया जा सके। यह तकनीक अमेरिका के F-35 विमानों के समान है, लेकिन चीन ने इसे अपने J-35 विमानों में कॉपी कर शामिल किया है। इस विमान में दो इंजन लगे हैं, जो इसे लंबी दूरी तक ऑपरेट करने में सक्षम बनाते हैं। यह विमान 1,200 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है और इसके भीतर छह मीडियम रेंज की एयर-टू-एयर मिसाइल और चार एयर-टू-सरफेस मिसाइल फिट की गई हैं।

भारत के पास वर्तमान में रफाल और सुखोई फाइटर जेट्स हैं, लेकिन वे J-35 जैसी स्टेल्थ तकनीक से सुसज्जित नहीं हैं। भारत सरकार ने हाल ही में एक समिति बनाई है, जो वायुसेना की आवश्यकताओं का आकलन कर 2028 तक नए फाइटर जेट्स के निर्माण का प्रस्ताव रखेगी। हालांकि, यह प्रक्रिया धीमी है और इसमें चार साल से अधिक समय लग सकता है। पाकिस्तान का यह कदम भारत की सुरक्षा रणनीति के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है।

चीन ने पहले भी पाकिस्तान को JF-17 थंडर फाइटर जेट्स और नेवल फ्रिगेट्स प्रदान किए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान को अमेरिका से F-16 विमान भी मिले हुए हैं, जिनका उपयोग उसने पहले भारतीय हवाई क्षेत्र में किया है। चीन और पाकिस्तान का यह गठजोड़ क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है।

भारतीय तेजस विमान स्टेल्थ तकनीक का हिस्सा नहीं है और इसकी तुलना में J-35 उन्नत है। हालांकि, भारत की वायुसेना रफाल विमानों को उन्नत करने की प्रक्रिया में है। फ्रांस से नई तकनीक की मदद से रफाल विमानों को अपग्रेड करने की योजना बनाई जा रही है। इसके बावजूद, पाकिस्तान का यह कदम भारत के लिए चिंता का विषय है, खासकर जब बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा है और अमेरिका इस गठबंधन को समर्थन दे रहा है।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह समझौता विवादास्पद है। आईएमएफ के कर्ज तले दबे पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने की बजाय महंगे फाइटर जेट्स पर ध्यान केंद्रित किया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह समझौता पाकिस्तान की प्राथमिकताओं का सही प्रतिनिधित्व करता है।

भारत को अपनी सुरक्षा रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना होगा और स्टेल्थ तकनीक से लैस फाइटर जेट्स का विकास तेज करना होगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ को संतुलित करने के लिए एक मजबूत कूटनीति की आवश्यकता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच इस नए तनाव से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और अधिक बढ़ेगी। इससे न केवल क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।

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