Madhya Pradesh 2024 |
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2024 को प्रदेश के समग्र विकास और जनकल्याण के लिए समर्पित बताया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने अनेक ऐसे निर्णय लिए, जो सीधे तौर पर जनता के जीवन से जुड़े हुए थे और उनके जीवन को खुशहाल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुए। सरकार की ओर से प्रयास किए गए कि सभी शासकीय सेवाएँ सहजता से नागरिकों को उपलब्ध हों।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ परियोजनाओं जैसी ऐतिहासिक सौगातें मिलीं। ये परियोजनाएँ न केवल प्रदेश की जल आपूर्ति की समस्याओं को सुलझाने में मददगार होंगी, बल्कि आने वाले समय में समृद्ध मध्य प्रदेश की नींव भी बनेंगी।
सरकार की विभिन्न पहलों में साइबर तहसील 2.0 का क्रियान्वयन शामिल है, जिसके माध्यम से राजस्व मामलों का ऑनलाइन समाधान सुनिश्चित हुआ। नागरिकों को दस्तावेज़, नक्शे और अन्य जानकारी घर बैठे ही एसएमएस, व्हाट्सऐप या ईमेल के जरिए मिल रही है। मध्य प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। साथ ही, प्रदेश में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए।
प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए 'जल-गंगा संवर्धन अभियान' चलाया गया, जिसमें जनभागीदारी से जलाशयों की सफाई और पौधारोपण का कार्य किया गया। उज्जैन और अन्य प्रमुख शहरों में सड़क चौड़ीकरण जैसे कार्यों में धार्मिक स्थलों को हटाने के बावजूद साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखना सरकार की उपलब्धि रही। उज्जैन में फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट ने 278 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाया।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 'लाड़ली बहना योजना' और महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को व्यापक सराहना मिली। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना 2.0 के तहत श्रमिकों को आर्थिक सहायता दी गई। प्रदेश में कृषि विकास के लिए शून्य ब्याज दर पर फसल ऋण और किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहन देने जैसे कदम उठाए गए।
शिक्षा क्षेत्र में प्रदेश ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को लागू किया। सरकारी स्कूलों में एआई और मशीन लर्निंग जैसे विषयों को शामिल किया गया। इसके अलावा, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की दिशा में कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करते हुए नए मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की गई। आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों नागरिकों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएँ मिलीं। शहरी क्षेत्रों में पीएम-ई बस योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया गया।
विकास की दिशा में प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री ने समग्र रोडमैप तैयार किया है। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को एक साथ विकसित करने की योजना बनाई गई है। आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। कई बड़े निवेश समझौतों के जरिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए गए।
युवाओं के लिए 'सीखो-कमाओ योजना' और 'रोजगार दिवस' जैसे कदम उठाए गए, जिससे स्व-रोजगार के अवसर बढ़े। वहीं, 'अग्निवीर योजना' के तहत युवाओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर सहभागिता सुनिश्चित की गई।
इन सबके अलावा, सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। रेलवे परियोजनाओं, मेट्रो रेल और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्यों से प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूत किया गया। इसके साथ ही, प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयों और लॉजिस्टिक पार्कों की स्थापना के जरिए औद्योगिक गतिविधियों को गति दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश को विकसित भारत का हिस्सा बनाने के लिए हम पूरी ऊर्जा और प्रतिबद्धता से काम करेंगे। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करना, कृषि क्षेत्र में नवाचार लाना, और प्रत्येक नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है। मध्य प्रदेश समग्र विकास की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।