January Vegetables: 8 सब्जियां उगाकर बनें लाखपति!

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January Vegetables

 जनवरी का महीना खेती के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है जब किसान नई फसलों की नर्सरी तैयार कर सकते हैं। इस अवधि में आठ प्रकार की फसलों की नर्सरी लगाई जा सकती है, जिससे न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी लाभ मिलता है। इनमें प्रमुख फसलें टमाटर, मिर्च, फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, तरबूज, खरबूज और खीरा शामिल हैं। इन फसलों को सही विधि से तैयार करने और उचित बीजों के चयन पर ध्यान देने से उनकी उत्पादकता और बाजार में मांग बढ़ जाती है।

टमाटर और मिर्च की नर्सरी जनवरी के पहले सप्ताह में तैयार की जाती है। इन फसलों के लिए कोकोपीट और प्रो ट्रे का उपयोग किया जाता है, जिससे बीजों की बेहतर ग्रोथ सुनिश्चित होती है। 28-29 दिनों में इन फसलों की नर्सरी खेत में ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हो जाती है। टमाटर के पौधों की ट्रांसप्लांटिंग में पंक्तियों के बीच 5 फीट और पौधों के बीच डेढ़ फीट की दूरी रखनी होती है, जबकि मिर्च के लिए पंक्तियों के बीच 3 फीट और पौधों के बीच एक से डेढ़ फीट की दूरी उपयुक्त होती है। बीजों के चयन में सावधानी रखना जरूरी है, जैसे टमाटर के लिए 'अभिलाष' और 'साहू' वैरायटी, और मिर्च के लिए 'महिको नौ तेज' और 'उन्नति 6013' बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

फूल गोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकली की नर्सरी क्यारियों में तैयार की जाती है। इन फसलों के लिए उचित क्यारियों का निर्माण किया जाता है, जिसमें गोबर खाद मिलाई जाती है। फूल गोभी के लिए 'गिरीजा', पत्ता गोभी के लिए 'ग्रीन वाया जर', और ब्रोकली के लिए 'ग्रीन मैजिक' वैरायटी का चयन किया जा सकता है। 28-30 दिनों में नर्सरी तैयार हो जाती है, और इन फसलों की ट्रांसप्लांटिंग करते समय पंक्तियों और पौधों के बीच उचित दूरी रखनी होती है।

तरबूज, खरबूज और खीरा की नर्सरी को डिस्पोजल ग्लास में तैयार किया जाता है। कोकोपीट, वर्मी कंपोस्ट और मिट्टी के मिश्रण का उपयोग इन फसलों की नर्सरी के लिए किया जाता है। बीज बोने के बाद इन्हें लो टनल में रखा जाता है, ताकि ठंड से सुरक्षा हो। फरवरी के महीने में इन पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट किया जाता है। तरबूज के लिए 'सागर किंग', 'जन्नत', 'सुपर क्वीन', और 'मैक्स' वैरायटी उपयुक्त हैं, जबकि खरबूज के लिए 'कुन्न' और खीरा के लिए 'ग्लोस' और 'मालिनी' वैरायटी का चयन किया जा सकता है।

जनवरी में नर्सरी लगाने के दौरान किसान भाइयों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी और खाद का सही मिश्रण तैयार हो, पौधों के बीच उचित दूरी बनी रहे, और लो टनल का सही उपयोग किया जाए। यह समय नई फसलों की खेती के लिए योजना बनाने और उन्हें बाजार में पेश करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इन फसलों की सही देखभाल और प्रबंधन से किसान न केवल बेहतर पैदावार हासिल कर सकते हैं बल्कि अपने मुनाफे को भी कई गुना बढ़ा सकते हैं।

इस प्रकार, जनवरी का महीना किसानों के लिए अपनी कृषि गतिविधियों को बढ़ाने और उन्हें अधिक लाभकारी बनाने का सही अवसर प्रदान करता है। यह समय न केवल मेहनत का बल्कि सही योजना और तकनीक के इस्तेमाल का भी होता है, जिससे खेती का स्वरूप और उत्पादकता दोनों में सुधार होता है।

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