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प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला का दौरा किया और वहां की व्यवस्थाओं की सराहना की। इस दौरान उन्होंने गौमाता का पूजन-अर्चन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह गौशाला एक अनूठा उदाहरण है, जहां प्रशासन और संत समुदाय मिलकर गौमाता की सेवा में लगे हुए हैं। उनके साथ नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला भी मौजूद थे। यह गौशाला नगर निगम और श्रीकृष्णायन देशी गौरक्षा शाला के संतों के सहयोग से संचालित हो रही है। मंत्री पटेल ने इस मौके पर गौशाला की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और वहां चल रहे विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली।
गौशाला के भ्रमण के दौरान मंत्री प्रहलाद पटेल और राकेश शुक्ला ने पराली प्रबंधन के उपायों को भी देखा। संतों ने बताया कि ग्वालियर जिले की रानीघाटी गौशाला में बड़े पैमाने पर पराली का प्रबंधन किया जा रहा है। इस प्रयास से जहां किसानों को पराली जलाने की समस्या से छुटकारा मिल रहा है, वहीं इसे उपयोग में लाकर गौमाताओं के लिए चारे का इंतजाम किया जा रहा है। मंत्री पटेल ने पराली प्रबंधन के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे अन्य स्थानों पर भी अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
गौशाला में संचालित गौ एंबुलेंस सेवा ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया। सड़क हादसों में घायल गौमाताओं और बीमार गौवंश को तुरंत उपचार दिलाने के लिए यह सेवा 24 घंटे सक्रिय रहती है। मंत्री पटेल और मंत्री शुक्ला ने इस सेवा की सराहना करते हुए इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया। इस एंबुलेंस सेवा का संचालन 50 किलोमीटर के दायरे में किया जाता है और इसके जरिए समय पर गौमाताओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
गौशाला में भ्रमण के दौरान मंत्री पटेल ने श्रीअन्न (millets) से बनी खीर का स्वाद भी लिया। उन्होंने बाजरे से बनी इस खीर की खूब तारीफ की और कहा कि श्रीअन्न का उपयोग स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है। संतों ने उन्हें बताया कि गौशाला में प्रतिदिन चलने वाले भंडारे में श्रीअन्न से बनी खीर परोसी जाती है ताकि भक्तों को इसके महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। श्रीअन्न के नियमित सेवन से कई बीमारियों से बचाव होता है और इसे बढ़ावा देना स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि इस पहल से न केवल पोषण बल्कि भारतीय पारंपरिक कृषि उत्पादों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
पूजन के बाद मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि प्रभु श्रीराम और माता जानकी की विवाह पंचमी के इस पावन अवसर पर उन्हें गौमाता की पूजा और संतों का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह दिन उनके लिए विशेष बन गया क्योंकि इस अवसर पर उन्होंने न केवल गौमाता की सेवा में योगदान करने वाले लोगों से मुलाकात की बल्कि इस आदर्श गौशाला की व्यवस्थाओं को भी करीब से देखा।
लाल टिपारा गौशाला में संतों ने मंत्री को गौशाला के संचालन और उसके उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। यह गौशाला केवल गौसेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां पर्यावरण संरक्षण, पराली प्रबंधन और श्रीअन्न के उपयोग जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी किए जा रहे हैं। इस प्रयास को देखकर मंत्री प्रहलाद पटेल और मंत्री राकेश शुक्ला ने संतों और स्थानीय प्रशासन के इस सामूहिक प्रयास की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल अन्य जिलों और राज्यों में भी अपनाई जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक गौवंश को लाभ पहुंचाया जा सके।
गौशाला के भ्रमण में जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव, संत ऋषभदेवानंद महाराज, जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी ने गौशाला की व्यवस्थाओं और वहां की गतिविधियों को लेकर संतोष व्यक्त किया। संतों ने बताया कि यह गौशाला अपने आप में विशेष है क्योंकि यहां प्रशासन और संत समाज मिलकर न केवल गौमाताओं की सेवा कर रहे हैं, बल्कि समाज को उनके प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।
मंत्री पटेल ने कहा कि इस प्रकार की गौशालाएं भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीता-जागता उदाहरण हैं। गौमाता केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उनके संरक्षण और सेवा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज के हर वर्ग को गौसेवा के लिए आगे आना चाहिए और प्रशासन को इसमें सहयोग देना चाहिए।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने इस दौरान संतों से विचार-विमर्श भी किया और गौमाताओं की सेवा में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार गौसेवा के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गौशाला की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी दिए।
यह दौरा इस बात का प्रतीक था कि शासन और संत समाज के संयुक्त प्रयासों से किस प्रकार से एक आदर्श व्यवस्था स्थापित की जा सकती है। इस गौशाला ने न केवल गौमाताओं के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान किया है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम किया है। मंत्री प्रहलाद पटेल ने इस गौशाला के संचालन में लगे सभी लोगों की प्रशंसा की और उन्हें भविष्य में भी इस कार्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।