India's Tech Revolution 2025: क्या हम 2025 में होंगे नंबर वन?

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India's Tech Revolution 2025

 भारत के तकनीकी क्षेत्र को 2025 तक किस तरह के बदलावों का सामना करना पड़ सकता है, यह एक महत्वपूर्ण विषय है। तकनीकी क्रांति के बीच, डिजिटल इंडिया एक्ट को फिर से सक्रिय करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें सोशल मीडिया पर कंटेंट की सख्त निगरानी, ऑनलाइन भाषण को नियंत्रित करने और एल्गोरिथम के पक्षपात को सुधारने के प्रावधान शामिल हो सकते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक जानकारी (disinformation) को रोकना और पारंपरिक मीडिया पब्लिशर्स को उचित मुआवजा देना समय की मांग है।

देश के भीतर डेटा सुरक्षा को लेकर जो एक्ट बने हैं, उनका अब तक उचित क्रियान्वयन नहीं हुआ है। पॉलिटिकल पार्टियों को डेटा प्रोटेक्शन से दूर रखने जैसे विवादित मुद्दों पर सहमति बनाकर इसे लागू किया जा सकता है। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं और ब्रॉडकास्ट बिल के संदर्भ में, व्यापक नियमों की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पारदर्शिता बनी रहे।

एआई प्लेटफॉर्म्स और कॉपीराइट कानूनों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। एआई जनरेटेड कंटेंट के कारण जहां रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है, वहीं इसके कारण कॉपीराइट का उल्लंघन भी होता है। इसलिए, एआई कंटेंट का इस्तेमाल करने वाले को मुआवजा देने का प्रस्ताव उचित लगता है। लेकिन भारत को एआई पर बहुत अधिक नियम नहीं लगाने चाहिए, क्योंकि इससे व्यापारिक अवसर देश से बाहर जा सकते हैं।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अत्यधिक छूट (discount) देने की प्रवृत्ति को नियंत्रित करना भी आवश्यक हो गया है, क्योंकि इससे बाजार में असंतुलन पैदा होता है। उपभोक्ताओं के लिए यह सुविधाजनक है, लेकिन पारंपरिक दुकानदारों के लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकता है।

स्टार लिंक जैसी सेवाओं के आगमन से भारत के टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। एलन मस्क की स्टार लिंक सेवा सीधे सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। लेकिन इसके मोनोपॉली की चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि भारतीय टेलीकॉम बाजार अभी भी स्थानीय कंपनियों के अधीन है।

इसके अलावा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। क्लाउड सर्विसेस और नेशनल सिक्योरिटी के बीच संतुलन बनाने की चुनौती होगी। ई-फार्मेसी, क्रिप्टोकरेंसी, और गिग इकॉनमी जैसे क्षेत्रों में स्पष्टता अभी तक नहीं आई है।

भारत के तकनीकी क्षेत्र के लिए आगे का रास्ता नई संभावनाओं और चुनौतियों से भरा है। 2025 तक, डिजिटल प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी और तकनीकी क्रांति के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत किस तरह से अपने टेक इकोसिस्टम को विकसित करता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि विकास संतुलित हो और सभी हितधारकों के लिए लाभकारी हो।

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