India’s 2024 Reforms |
2024 के बदलते राजनीतिक परिदृश्य और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच, भारत ने अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कई अहम नीतिगत कदम उठाए हैं। इन कदमों का उद्देश्य न केवल देश की आंतरिक चुनौतियों को हल करना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करना भी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल कई बड़े और साहसिक कदम उठाए हैं, जो हर क्षेत्र—चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, पर्यावरण हो, या तकनीकी विकास—में सुधार लाने के लिए उठाए गए हैं।
इनमें से सबसे चर्चित कदमों में से एक "वन नेशन वन इलेक्शन" की नीति है। इस नीति का उद्देश्य देश में चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाना और चुनावों के दौरान होने वाले खर्चों और समय की बचत करना है। हालाँकि, इस कदम पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बहस जारी है। समर्थकों का कहना है कि इससे चुनावी खर्च कम होंगे और नीति निर्माण में निरंतरता बनी रहेगी, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह क्षेत्रीय मुद्दों को दरकिनार कर सकता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण कदम "यूनिफाइड पेंशन स्कीम" है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करती है और इसके तहत सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 14% कर दिया है। इससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो 2004 के बाद सरकारी सेवाओं में शामिल हुए हैं।
स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए "एंजल टैक्स" को समाप्त कर दिया गया है। यह कदम देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देगा, जिससे नए व्यवसायों के लिए पूंजी जुटाना आसान होगा। इसी तरह, "बायो E3 पॉलिसी" के माध्यम से बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है। यह नीति देश में बायोमैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य रखती है, जो कि अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार ने "एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम" की भी शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में औपचारिक रोजगार के अवसर बढ़ाना है। यह योजना 2 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में "नई ईवी पॉलिसी" लाई गई है, जिसके तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की निर्माण लागत में कमी आएगी और पर्यावरणीय सुधार भी होगा।
नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए "रूफटॉप सोलर पावर स्कीम" को नए सिरे से पेश किया गया है। इस योजना का उद्देश्य 2030 तक देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करना है। इस योजना के तहत सरकार भारी सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
"प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना" को भी एक नया रूप दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना और उनकी आय को बढ़ाना है। साथ ही, एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
इन सभी कदमों से यह स्पष्ट है कि सरकार का ध्यान न केवल आर्थिक और सामाजिक सुधारों पर है, बल्कि वह पर्यावरण और तकनीकी क्षेत्र में भी भारत को अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 2024 में उठाए गए ये कदम भारत के विकास को नई दिशा देने में सहायक होंगे। हालाँकि, इन सुधारों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि उन्हें किस प्रकार से लागू किया जाता है और उनकी निगरानी कैसे की जाती है।