Google new AI |
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने जेमिनी 2.0 मॉडल का लॉन्च किया है, जो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की दुनिया में नई क्रांति लाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है। यह मॉडल गूगल की 26 साल की उस यात्रा का हिस्सा है, जिसका मकसद है दुनिया की जानकारी को संगठित (organize) करना और इसे हर किसी के लिए सुलभ (accessible) बनाना। पिचाई ने इसे "एजेंटिक युग" (Agentic Era) की शुरुआत बताया, जहां AI न केवल जानकारी को समझेगा, बल्कि उसका उपयोग भी करेगा।
जेमिनी 2.0, जो जेमिनी 1.0 का उन्नत संस्करण है, AI की क्षमताओं को एक नई दिशा में ले जा रहा है। जेमिनी 1.0, दिसंबर 2022 में लॉन्च हुआ था, और यह गूगल का पहला मल्टीमॉडल (Multimodal) AI मॉडल था। यह टेक्स्ट, वीडियो, इमेज, ऑडियो और कोड को समझने और प्रोसेस करने में सक्षम था। इसके बाद लॉन्च हुआ जेमिनी 1.5, जिसने लंबी जानकारी (long-context understanding) को समझने और एप्लिकेशन जैसे NotebookLM में उपयोग की नई संभावनाओं को खोला। अब जेमिनी 2.0 न केवल इन क्षमताओं को और बेहतर बनाता है, बल्कि इसे रीयल-वर्ल्ड निर्णय लेने (real-world decision-making) और जटिल योजनाओं (complex reasoning and planning) को अंजाम देने में सक्षम बनाता है।
जेमिनी 2.0 के तहत गूगल ने इसके मुख्य मॉडल जेमिनी 2.0 फ्लैश (Gemini 2.0 Flash) को प्रायोगिक (experimental) रूप में पेश किया है। यह मॉडल पहले से तेज प्रतिक्रिया (faster response) और उन्नत प्रदर्शन (advanced performance) के साथ आता है। यह टेक्स्ट के साथ-साथ इमेज और ऑडियो भी नेटिवली (natively) जेनरेट कर सकता है। इसका उपयोगकर्ता अनुभव (user experience) और भी सहज (intuitive) है। इसे गूगल AI स्टूडियो और वर्टेक्स AI के जरिए डेवलपर्स और व्यवसायों को उपलब्ध कराया जाएगा। बड़े मॉडल संस्करण (larger model sizes) जनवरी 2024 में विस्तृत रिलीज के लिए तैयार हैं।
गूगल ने इसे अपने उत्पादों जैसे सर्च में भी शामिल किया है, जिससे उपयोगकर्ता अब जटिल प्रश्न पूछ सकते हैं, जैसे कि उन्नत गणितीय समस्याएं या कोडिंग से जुड़े सवाल। इस मॉडल के जरिए गूगल का मकसद है एक ऐसा यूनिवर्सल असिस्टेंट बनाना जो हर कार्यक्षेत्र में मददगार हो सके। उदाहरण के लिए, "डीप रिसर्च" (Deep Research) नामक एक फीचर उपयोगकर्ताओं को जटिल विषयों की जानकारी इकट्ठा करने और उन्हें विस्तृत रिपोर्ट्स में बदलने में मदद करता है।
गूगल ने जेमिनी 2.0 को अपने छठी पीढ़ी के टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (Tensor Processing Units - TPUs) ट्रिलियम (Trillium) पर प्रशिक्षित किया है। इन TPUs को अब बाहरी डेवलपर्स के लिए भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे उसी तकनीक का लाभ उठा सकें जो गूगल की AI प्रगति को शक्ति देती है।
जेमिनी 2.0 के लॉन्च के साथ गूगल ने "एजेंटिक" प्रोटोटाइप भी पेश किए हैं, जो मानव और AI के बीच सहयोग (collaboration) के भविष्य को दर्शाते हैं। प्रोजेक्ट एस्ट्रा (Project Astra) एक ऐसा AI असिस्टेंट है जो बातचीत, मेमोरी और गूगल टूल्स जैसे सर्च, लेंस और मैप्स के साथ बेहतर तरीके से एकीकृत होता है। इसी तरह, प्रोजेक्ट मेरिनर (Project Mariner) वेब ब्राउज़िंग को पुनर्परिभाषित करने का काम करता है, जिसमें AI वेब पेजों पर फॉर्म्स और अन्य इंटरेक्टिव एलिमेंट्स को समझकर कार्य पूरा करता है। जूल्स (Jules) नामक AI सहायक को खासतौर पर डेवलपर्स के लिए डिजाइन किया गया है, जो कोडिंग संबंधी समस्याओं को हल करने, समाधान प्रस्तावित करने और कोड-आधारित कार्यों को निष्पादित करने में सक्षम है।
गूगल ने जेमिनी 2.0 के साथ गेमिंग, रोबोटिक्स और रियल-वर्ल्ड एप्लिकेशन के लिए भी संभावनाएं तलाशी हैं। गेमिंग में, AI गेम एजेंट्स वास्तविक समय में गेम एक्शन समझ सकते हैं और रणनीति सुझा सकते हैं। शोध यह भी दिखा रहा है कि जेमिनी 2.0 के स्थानिक तर्क (spatial reasoning) की क्षमता रोबोटिक्स में उपयोगी हो सकती है।
गूगल ने AI की जिम्मेदारी और नैतिकता (responsibility and ethics) पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जेमिनी 2.0 को विस्तृत जोखिम आकलन (risk assessments) और गूगल की रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सेफ्टी कमेटी की निगरानी में विकसित किया गया है। पिचाई ने इसे "शुरुआत से जिम्मेदार AI निर्माण" का हिस्सा बताया। इस मॉडल में उपयोगकर्ता गोपनीयता (user privacy) की सुरक्षा, दुरुपयोग की रोकथाम और AI को भरोसेमंद बनाने के उपाय शामिल हैं। उदाहरण के लिए, प्रोजेक्ट मेरिनर में उपयोगकर्ता के निर्देशों को प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे फ़िशिंग या धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
सुंदर पिचाई ने कहा कि गूगल का यह कदम AI को केवल समझने और प्रोसेस करने से आगे ले जाकर उपयोगी बनाने का है। जेमिनी 2.0 एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बन सकता है जो शिक्षा, शोध, मनोरंजन, और व्यवसाय के हर क्षेत्र में उपयोगी साबित हो।