Digital Arrest Scam: कैसे फर्जी पुलिस आपको ठग रही है?

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Digital Arrest Scam

 डिजिटल युग में जहां एक ओर तकनीकी ने मानव जीवन को आसान और सुगम बना दिया है, वहीं इसके नकारात्मक पहलू भी उतने ही चिंताजनक हैं। डिजिटल अरेस्ट (गिरफ्तारी) का एक नया रूप हमारे सामने आ चुका है जो साइबर क्राइम (अपराध) का खतरनाक चेहरा बन चुका है। यह एक ऐसा धोखाधड़ी (फ्रॉड) है जिसमें अपराधी खुद को कानून के रखवाले दिखाते हैं और मासूम लोगों को उनके झांसे में लेकर उनकी संपत्ति और धन छीन लेते हैं। यह प्रक्रिया इतनी सधी हुई और योजनाबद्ध होती है कि अक्सर लोग डर के कारण इनके जाल में फंस जाते हैं।

यह घोटाला (स्कैम) तब शुरू होता है जब कोई फर्जी कॉल आता है। यह कॉल कभी किसी डिलीवरी एजेंट के नाम से होती है तो कभी किसी पुलिस अधिकारी या सीबीआई (CBI) अधिकारी के नाम पर। कॉल करने वाला व्यक्ति आपसे कहेगा कि आपके नाम पर कोई अवैध (इलीगल) गतिविधि पाई गई है, जैसे कि ड्रग्स या अन्य गैरकानूनी सामान की खरीदारी। इस तरह की कॉल मिलने पर लोग भयभीत हो जाते हैं और उनके दबाव में आ जाते हैं। इसके बाद अपराधी उन्हें वीडियो कॉल के जरिए धमकाने लगते हैं और कहते हैं कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वह व्यक्ति अपने डर के कारण अपराधियों की हर बात मानने लगता है, जो अंततः उन्हें अपनी मेहनत की कमाई गंवाने पर मजबूर कर देता है।

हाल ही में एक घटना में, एक महिला जो एक सफल व्यवसायी थीं, पांच दिनों तक इस तरह के डिजिटल अरेस्ट का शिकार रहीं। उनकी मानसिक स्थिति इतनी कमजोर कर दी गई कि उन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई, लगभग पांच करोड़ रुपए, इन अपराधियों को सौंप दी। यह घटना इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती है।

डिजिटल अरेस्ट का एक और भयावह रूप सामने आया है। अब अपराधी केवल फर्जी कॉल तक ही सीमित नहीं रहे। वे नकली पुलिस अधिकारी बनकर आपके घर आ सकते हैं। वे आपके सामने फर्जी गिरफ्तारी वारंट पेश करेंगे और दावा करेंगे कि वह किसी कोर्ट (अदालत) या पुलिस स्टेशन से आए हैं। उन्होंने ऐसा करना इसलिए शुरू किया है क्योंकि अब लोग इन कॉल्स के प्रति जागरूक हो गए हैं और तुरंत इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जब कोई व्यक्ति आपके घर आता है और खुद को पुलिस अधिकारी बताता है, तो यह डराने वाला अनुभव होता है।

ऐसी घटनाओं में, कई बार अपार्टमेंट के गार्ड्स या सुरक्षा अधिकारी संदिग्ध व्यक्तियों से सवाल करते हैं, लेकिन इन अपराधियों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। इसके बाद वे धमकी देने लगते हैं कि यदि उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। कुछ मामलों में, लोगों ने डर के कारण अपने घरों के दरवाजे खोल दिए, जिससे अपराधियों को मौका मिल गया।

पुलिस के अनुसार, इस प्रकार की घटनाओं की शिकायतें अभी तक औपचारिक रूप से दर्ज नहीं की गई हैं, लेकिन इस तरह के स्कैम्स के होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके समाधान के लिए पुलिस ने लोगों को जागरूक रहने और एहतियात बरतने की सलाह दी है।

लोगों को यह समझने की जरूरत है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी वारंट सीधे आपके घर आकर नहीं दिया जाता। यह एक कानूनी प्रक्रिया होती है जिसमें पहले आपको पुलिस स्टेशन बुलाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति आपके घर आकर वारंट दिखाता है और आपसे पैसे मांगता है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि कुछ गड़बड़ है।

ऐसी स्थितियों में, सबसे पहले शांत रहें और पुलिस से सीधे संपर्क करें। अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन का नंबर हमेशा पास में रखें। यदि कोई व्यक्ति आपको वीडियो कॉल के जरिए धमका रहा है, तो उसे नजरअंदाज करें और फोन काट दें। अजनबियों को घर का दरवाजा न खोलें, चाहे वह खुद को कोई भी अधिकारी बताएं।

इन घटनाओं से बचने के लिए प्रिवेंटिव (सावधानियां) कदम उठाना जरूरी है। सबसे पहले, अपने घर के बाहर एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। जो भी व्यक्ति आपके घर आता है, उसके पहचान पत्र को ठीक से जांचें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत अपने स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।

डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम में फंसने से बचने के लिए सतर्कता सबसे बड़ा हथियार है। इन अपराधियों का उद्देश्य केवल आपके पैसे छीनना होता है। उनकी किसी भी बात पर विश्वास न करें। अगर आपको कभी ऐसा लगे कि आप किसी स्कैम का शिकार हो सकते हैं, तो बिना देर किए पुलिस से संपर्क करें।

इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है। अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों को इस बारे में जानकारी दें। सोशल मीडिया पर इसे साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क हो सकें। याद रखें, सतर्कता और सावधानी ही इस तरह की धोखाधड़ी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।

भारत जैसे देश में जहां डिजिटल क्रांति अपने चरम पर है, इस तरह की घटनाओं का होना एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार न बने। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का जिम्मा उठाएं और इस डिजिटल युग के खतरे से सतर्क रहें।

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