CM Orders Master Plan |
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के विकास और जनता के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए यह स्पष्ट किया है कि सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधायक अपनी विधानसभा का पांच वर्षों का मास्टर प्लान तैयार करें, ताकि विकास कार्य समय पर पूरे हों और क्षेत्र का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि जनता के कार्यों को समय पर पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में ग्वालियर और चंबल संभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों से वर्चुअल बातचीत की। इस बैठक में क्षेत्रीय विधायकों, मंत्रियों और प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा करते हुए यह निर्देश दिया कि जो निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, उन्हें तय समय सीमा में पूरा किया जाए, ताकि जनता को इनसे समय पर लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और समय पर काम पूरा होना प्राथमिकता होगी।
ग्वालियर के जेसी मिल्स के मजदूरों के लंबित भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन मजदूरों का भुगतान शीघ्र किया जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी मजदूर अपने हक से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने और प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में 11 दिसंबर से शुरू हुए जनकल्याण अभियान पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि 'आपकी सरकार-आपके द्वार' की भावना के साथ यह अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सरकार की जन-हितैषी योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे। उन्होंने सभी विधायकों और अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे क्षेत्र में घर-घर जाकर योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि विभागीय अमला सक्रिय रहे और पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ मिलने में कोई बाधा न हो।
राघौगढ़ में हुई बोरवेल दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त की और कलेक्टर से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्र में खुले पड़े बोरवेल बंद कराएं और इसके लिए जन-जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगी।
गौशालाओं के प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-वंश के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। नगरपालिकाओं और नगर निगमों को अपनी सीमाओं में छोटी गौशालाओं का सही प्रबंधन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। राज्य सरकार बड़ी गौशालाओं के प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रबंध करेगी। उन्होंने कहा कि गौ-वंश की देखभाल के लिए समर्पित प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ग्वालियर संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल 8 जनवरी 2025 को ग्वालियर में समीक्षा बैठक करेंगे। जन-प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि वे अपनी मांगें लिखित में प्रस्तुत करें, ताकि सरकार उनकी समस्याओं और सुझावों पर विचार कर उचित निर्णय ले सके। इस बैठक में वित्तीय मामलों को लेकर संभागीय अधिकारियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि वित्तीय निर्णयों में पारदर्शिता और कुशलता आए।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता देती है और जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और तत्परता के साथ निभाएं। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं को समय पर लागू करना और उनके लाभ जनता तक पहुंचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि जनकल्याण के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियानों में जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह आवश्यक है कि सभी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचे, जो इसके वास्तविक पात्र हैं। इसके लिए अभियान की निगरानी और प्रगति का व्यक्तिगत अवलोकन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अमले को सतर्क रखें और इस बात की निगरानी करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी सेवाओं और योजनाओं से वंचित न हो।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय मामलों में निर्णय प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए संभागीय स्तर पर वित्त विभाग के अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने क्षेत्रों की मांगों को सही तरीके से प्रस्तुत करें, ताकि सरकार उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को सतर्क रहने और विकास कार्यों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं को समय पर लागू करना और उनके परिणाम सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की कि राज्य के सभी हिस्सों में योजनाबद्ध विकास हो और जनता को सरकार की सेवाओं का लाभ मिले। उनकी प्राथमिकता स्पष्ट है कि सरकार जनहित में कार्यरत रहे और विकास योजनाएं समय पर पूरी हों। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने और सभी को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।