Canadian Colleges Exposed |
कनाडा में मानव तस्करी और अवैध इमिग्रेशन का एक नया और गंभीर मुद्दा सामने आया है। यह मुद्दा न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामूहिक रूप से परिवारों और समाज को प्रभावित कर रहा है। भारत से हजारों लोग, खासकर युवा, विदेश में एक बेहतर जीवन और करियर की तलाश में कनाडा का रुख करते हैं। हालांकि, इस सफर में जो सपने वे लेकर निकलते हैं, वे अक्सर धोखे और छलावे में बदल जाते हैं। वीडियो में इस पूरे घोटाले पर विस्तार से चर्चा की गई है।
कनाडा में करीब 260 से 300 कॉलेज ऐसे हैं, जो अवैध तरीके से छात्रों को स्टडी वीजा दिलाने और फिर उन्हें अमेरिका में गैरकानूनी इमिग्रेशन के लिए मजबूर करने में संलिप्त हैं। इन कॉलेजों का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि उनसे मोटी रकम वसूलना और उन्हें धोखे से अमेरिका भेजना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन कॉलेजों के जरिए 35,000 से अधिक लोग हर साल कनाडा पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग गुजरात, पंजाब और अन्य राज्यों से आते हैं।
इन मामलों में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि परिवार अपने बच्चों के भविष्य के लिए अपने घर और गहने बेच देते हैं। लाखों रुपये इकट्ठा कर, इन एजेंटों को सौंप दिए जाते हैं। लेकिन जब ये युवा विदेश पहुंचते हैं, तो उन्हें वास्तविकता का पता चलता है। इन कॉलेजों में पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं होता। छात्रों को केवल एक वीजा और बाद में अमेरिका में धकेलने की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाता है। इसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग का एक व्यापक जाल कहा जा सकता है।
2022 के एक मामले में, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच की, तो पता चला कि यह घोटाला न केवल कनाडा में फैला हुआ है, बल्कि इसमें खालिस्तानी तत्व भी जुड़े हुए हैं। खालिस्तान का नाम लेकर ये लोग अवैध इमिग्रेशन, ड्रग ट्रैफिकिंग, और हिंसा जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इनका असली मकसद स्वतंत्रता नहीं, बल्कि पैसे कमाना है। यह पूरा नेटवर्क, जिसमें भारत और कनाडा के लोग शामिल हैं, दोनों देशों की सरकारों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।
कनाडा की सरकार और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी आरोप लगते रहे हैं कि उनकी सरकार ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है। कनाडा को हमेशा से एक कानूनप्रिय देश माना गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे इस अवैध कार्य पर कनाडाई प्रशासन चुप क्यों है। यह संभव नहीं है कि इतने बड़े घोटाले की जानकारी सरकार को न हो।
यह मामला एक बड़े सामाजिक और आर्थिक संकट की ओर इशारा करता है। युवा, जो अपने करियर और जीवन में उन्नति की उम्मीद लेकर विदेश जाते हैं, वे इस तरह के घोटालों का शिकार हो रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे लोगों को शिक्षा और बेहतर अवसर देने के नाम पर फंसाने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।