Aniruddhacharya Ji |
वक्फ बोर्ड के कानून पर चिंता
महाराज जी ने बताया कि वक्फ बोर्ड के कानून के अनुसार, यदि वे किसी संपत्ति पर दावा करते हैं, तो आपको वह खाली करनी पड़ सकती है। इस कानून का विरोध भी नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति नहीं है। यह कानून 2013 में पारित हुआ और इसका दायरा व्यापक है। उन्होंने कहा कि यह कानून सनातन धर्म और हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा खतरा है। महाराज जी ने सरकार से इस कानून को निरस्त करने की मांग की।
सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान
अनिरुद्धाचार्य जी ने हिंदुओं को संगठित होकर अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू अब भी नहीं जागे, तो उनकी संपत्ति और अधिकार धीरे-धीरे छीन लिए जाएंगे। महाराज जी ने उदाहरण दिया कि कश्मीर से हिंदुओं को कैसे खदेड़ दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो बाकी देश में भी ऐसा ही हो सकता है। यह केवल व्यक्तिगत स्वार्थ छोड़कर ही संभव है।
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों का मुद्दा
महाराज जी ने बताया कि भोपाल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदू अपनी संपत्तियां बेचकर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि हिंदू इतने असुरक्षित क्यों महसूस कर रहे हैं कि उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ रहा है। यहां तक कि मध्य प्रदेश जैसी बीजेपी शासित राज्य में भी यह स्थिति बनी हुई है। महाराज जी ने नेताओं पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह स्थिति देश के विकास और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक है।
कट्टरता और जिम्मेदारी
महाराज जी ने कहा कि हिंदुओं को कट्टर सनातनी बनने की आवश्यकता है ताकि वे अपने धर्म और अधिकारों की रक्षा कर सकें। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी का उदाहरण दिया, जिन्होंने अपने चार पुत्रों को धर्म की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के लिए काम करना होगा। नेताओं को भी अपनी वोट बैंक राजनीति छोड़कर देश के हित में सख्त फैसले लेने चाहिए। ऐसा न करने पर आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।
वक्फ बोर्ड की संपत्ति का दायरा
महाराज जी ने बताया कि वक्फ बोर्ड के दावे भारत में लाखों एकड़ जमीन पर हैं, जो भविष्य में और बढ़ सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति हिंदुओं के अधिकारों और संपत्तियों के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड के लिए बनाए गए कानून हिंदुओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान नहीं करते। महाराज जी ने जोर देकर कहा कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो हिंदुओं को अपनी संपत्तियों से बेदखल होना पड़ेगा। यह स्थिति सनातन धर्म की जड़ों पर सीधा हमला है।
राष्ट्रीय चेतना की आवश्यकता
महाराज जी ने सरकार से अनुरोध किया कि वह वक्फ बोर्ड के मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान दे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जैसे नेता बार-बार नहीं आते। इसलिए इस समय का उपयोग करके मजबूत कानून बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों से कहा कि वे संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करें। केवल जागरूकता और एकजुटता से ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह धर्म और राष्ट्र दोनों की रक्षा का समय है।
कुंभ मेले और समानता का सवाल
महाराज जी ने प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले का जिक्र करते हुए धार्मिक समानता का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि अगर हिंदुओं को मक्का-मदीना जैसे पवित्र स्थानों में जाने की अनुमति नहीं है, तो मुसलमानों को कुंभ मेले में दुकानें लगाने की अनुमति क्यों दी जाती है। उन्होंने हाल के वीडियो का जिक्र किया जिसमें थूक वाली चाय बनाने की घटनाएं सामने आईं। महाराज जी ने इसे समाज की गिरती मानसिकता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं धार्मिक भावनाओं का अपमान हैं।
कानून और समाज की भूमिका
महाराज जी ने कहा कि कानून और समाज दोनों को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। वक्फ बोर्ड के कानून को बदलने के लिए संसद में प्रस्ताव लाना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने नेताओं से इस विषय पर सवाल करें। महाराज जी ने कहा कि यदि यह मुद्दा सुलझाया नहीं गया, तो भविष्य में इससे भी बड़ी समस्याएं पैदा होंगी।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का सन्देश सनातन धर्म के संरक्षण और राष्ट्र निर्माण का आह्वान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड का मुद्दा केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक अस्तित्व का प्रश्न है। उन्होंने हिंदुओं से आग्रह किया कि वे संगठित होकर अपने धर्म, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करें। महाराज जी का यह सन्देश हर सनातनी हिंदू तक पहुंचना चाहिए ताकि समाज जागरूक हो और सही कदम उठा सके।