AI in 2025: एआई बदल देगा आपका कारोबार!

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AI in 2025

नेटएप (NetApp) की ताज़ा रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज की वैश्विक कंपनियों को एआई (Artificial Intelligence) को अपनाने और इसे प्रभावी रूप से लागू करने में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, 2025 एक ऐसा महत्वपूर्ण वर्ष साबित हो सकता है जब कंपनियां एआई पर केवल प्रयोग करने से आगे बढ़कर इसे बड़े पैमाने पर अपनाने की ओर बढ़ेंगी। नेटएप की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर गैबी बोकॉ (Gabie Boko) ने बताया कि "व्यवसाय नवाचार (innovation) और दक्षता (efficiency) को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रहे हैं, लेकिन ये प्रयास तभी सफल होंगे जब टेक्नोलॉजी लीडर्स डेटा की जटिलता (complexity), सुरक्षा (security), और स्थिरता (sustainability) से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करेंगे।"

इस रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि डेटा को एआई के लिए तैयार करना एक महंगा और जटिल प्रक्रिया है। वैश्विक स्तर पर, दो-तिहाई कंपनियों का मानना है कि उनका डेटा "पूरी तरह या अधिकतर" एआई के लिए अनुकूलित है। यह संकेत देता है कि डेटा को सुलभ (accessible), सटीक (accurate), और अच्छी तरह से प्रलेखित (well-documented) बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। लेकिन, एआई मच्योरिटी (maturity) तक पहुंचने के लिए अभी और निवेश की आवश्यकता है। लगभग 40% वैश्विक टेक्नोलॉजी एग्जीक्यूटिव्स ने अनुमान लगाया है कि 2025 तक एआई और डेटा प्रबंधन क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए अभूतपूर्व (unprecedented) निवेश की आवश्यकता होगी।

डेटा के विखंडन (fragmentation) को एआई की प्रगति में एक बड़ी बाधा के रूप में देखा गया है। 79% वैश्विक टेक एग्जीक्यूटिव्स का कहना है कि डेटा को एकीकृत करना (unifying data), साइलोस (silos) को कम करना, और एकसमान इंटरकनेक्टेड सिस्टम बनाना एआई की पूर्ण क्षमता को अनलॉक करने के लिए आवश्यक है। जिन कंपनियों ने यूनिफाइड डेटा स्टोरेज को अपनाया है, वे इन बाधाओं को पार करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। यह सुनिश्चित करना कि डेटा, चाहे वह किसी भी प्रकार का हो या किसी भी स्थान पर स्थित हो, हमेशा सुलभ रहे और उसके विखंडन को न्यूनतम किया जाए, एआई लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हालांकि, डेटा प्रबंधन और संरचना को प्राथमिकता देना केवल शुरुआत है। जो कंपनियां इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कदम नहीं उठाती हैं, वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा (competition) में पिछड़ सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जो संगठन डेटा एकीकरण को प्राथमिकता नहीं देते, उनमें से लगभग 30% को 2025 तक अपने एआई लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल होने की संभावना है। इसके विपरीत, केवल 23% ऐसी कंपनियां जो इसे अपनी रणनीति के केंद्र में रखती हैं, इस विफलता का सामना कर सकती हैं।

एआई का तेजी से अपनाना कंपनियों के लिए जोखिम भी बढ़ा रहा है, विशेष रूप से सुरक्षा (security) के मामले में। 41% वैश्विक टेक एग्जीक्यूटिव्स ने 2025 तक सुरक्षा खतरों (security threats) में तीव्र वृद्धि की भविष्यवाणी की है, क्योंकि एआई उनके संचालन (operations) के अधिक पहलुओं में एकीकृत हो रहा है। एआई के तेजी से विकास ने अटैक सरफेसेज (attack surfaces) को बढ़ा दिया है, जिससे डेटा सेट्स नई कमजोरियों के लिए खुल जाते हैं और संवेदनशील एआई मॉडलों की सुरक्षा जैसी चुनौतियां पैदा होती हैं।

भारत, अमेरिका और जापान जैसे एआई में अग्रणी देश सुरक्षा संबंधी चिंताओं का अधिक सामना कर रहे हैं, जबकि जर्मनी, फ्रांस और स्पेन जैसे अपेक्षाकृत कम एआई-केंद्रित देशों में यह समस्या कम दिखाई देती है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सुरक्षा उपायों में सुधार हो रहा है। 2023 से, साइबर सुरक्षा और रैंसमवेयर (ransomware) सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता मानने वाले एग्जीक्यूटिव्स की संख्या में 17% की कमी आई है। यह संकेत देता है कि इन जोखिमों से निपटने के लिए प्रयास कारगर साबित हो रहे हैं।

इसके अलावा, एआई का विकास स्थिरता (sustainability) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न भी उठा रहा है। 34% वैश्विक टेक एग्जीक्यूटिव्स का मानना है कि एआई प्रगति कॉर्पोरेट स्थिरता (corporate sustainability) प्रथाओं में बड़े बदलाव लाएगी। इसी तरह, 33% का मानना है कि ऊर्जा उपयोग (energy usage) को लक्षित करने वाली नई सरकारी नीतियां और निवेश सामने आएंगे।

एआई को पावर देने वाला बुनियादी ढांचा (infrastructure) और कच्चे डेटा को व्यापार मूल्य में बदलना बड़ी मात्रा में ऊर्जा की मांग करता है, जो संगठनों के स्थिरता लक्ष्यों को बाधित करता है। एआई-केंद्रित देशों को इसके पर्यावरणीय प्रभाव का अधिक अनुभव होता है, जबकि कम एआई-केंद्रित देशों में यह प्रभाव कम होता है।

हालांकि, 72% कंपनियां अभी भी कार्बन फुटप्रिंट (carbon footprint) को कम करने को प्राथमिकता दे रही हैं, लेकिन 2023 में यह आंकड़ा 84% था। यह दिखाता है कि नवाचार और स्थिरता के बीच एक बढ़ता हुआ तनाव है। रिपोर्ट से पता चलता है कि अगर संगठन एआई को बढ़ाने के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना इसे बढ़ाना चाहते हैं, तो तकनीकी विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी बनाए रखना अनिवार्य होगा।

नेटएप के एसवीपी और जीएम, कृष्ण विटालदेवरा (Krish Vitaldevara) ने कहा कि "जो संगठन उन्नत एनालिटिक्स और एआई में अग्रणी हैं, उनके पास यूनिफाइड और अच्छी तरह से प्रलेखित डेटा, संवेदनशील जानकारी की मजबूत सुरक्षा और डेटा के विकास को समझने की स्पष्ट रणनीति है।" उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनौतियों से निपटकर, संगठन नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं और नई एआई युग में लचीलापन (resilience), जिम्मेदारी (responsibility), और समय पर अंतर्दृष्टि (insights) सुनिश्चित कर सकते हैं।

2025 तक, एआई न केवल तकनीकी विकास का प्रतीक होगा, बल्कि यह दिखाएगा कि किस तरह संगठनों ने डेटा प्रबंधन, सुरक्षा, और स्थिरता जैसी प्रमुख समस्याओं को हल किया। एआई को अपनाने के प्रयास में, यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि डेटा का सही उपयोग हो और इसे इस तरह प्रबंधित किया जाए कि यह व्यापार की सफलता में योगदान दे।

इसमें कोई शक नहीं कि जो कंपनियां इन सभी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगी और आवश्यक निवेश करने के लिए तैयार होंगी, वे भविष्य में नवाचार और दक्षता दोनों में अद्वितीय लाभ प्राप्त करेंगी।

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