AI and Geospatial Tech Will Redefine 2025: बड़ी भविष्यवाणी!

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AI and Geospatial Tech

जैसे ही हम एक नए वर्ष की ओर बढ़ रहे हैं, तकनीक के क्षेत्र में खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है। ओर्डनेंस सर्वे (Ordnance Survey - OS) के CTO मनीष जेठवा का मानना है कि ये तकनीकी प्रगति न केवल हमारी क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि पूरे भू-स्थानिक (geospatial) क्षेत्र को नई दिशा में ले जाएगी।

मनीष जेठवा के अनुसार, AI और ML में होने वाले इन बदलावों के साथ-साथ कंपनियों और संस्थाओं को अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की जरूरत होगी। जो संगठन इन तकनीकों को अपनाने में धीमे होंगे, वे प्रतिस्पर्धा में पीछे रह सकते हैं। जेठवा बताते हैं कि ग्राहक अपेक्षाएँ बदल रही हैं और AI के प्रभाव के कारण प्रतिभाओं (talent) को आकर्षित और बनाए रखना भी चुनौती बन सकता है। ऐसे में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्राथमिकता देने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण (clear vision), प्रभावी संवाद (effective communication), और सफलता के मील के पत्थर (milestones) का उत्सव मनाना जरूरी हो जाता है।

जेठवा इस बात पर जोर देते हैं कि इन बदलावों के बावजूद इंसानी क्रिएटिविटी (creativity), इमोशन (emotion), और व्यक्तित्व (personality) को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। AI को अपनाने के दौरान कर्मचारियों को फिर से प्रशिक्षित (retrain) करना और उनके कौशल को उन्नत (upskill) करना आवश्यक है ताकि वे इस तकनीकी बदलाव के साथ तालमेल बैठा सकें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल दक्षता (efficiency) पर ध्यान देने के बजाय मानवीय मूल्यों (human values) को कार्यस्थल (workplace) में बरकरार रखा जा सके।

AI के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास ने नैतिक (ethical) मुद्दों पर चर्चा को भी आवश्यक बना दिया है। जेठवा कहते हैं कि हमें एथिकल AI और जिम्मेदार तकनीकी विकास (responsible technology development) पर ध्यान देना होगा। AI सिस्टम को पारदर्शी (transparent), निष्पक्ष (fair), और बिना किसी पूर्वाग्रह (unbiased) के बनाना जरूरी है। इसके साथ-साथ उनके पर्यावरणीय (environmental) और सामाजिक (societal) प्रभावों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

OS के "Responsible AI Charter" के तहत, इन नए टूल्स को सुरक्षित तरीके से कार्यप्रणाली (workflow) में एकीकृत (integrate) करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। यह चार्टर यह सुनिश्चित करता है कि AI तकनीक को जिम्मेदारी के साथ और उच्च गुणवत्ता के साथ लागू किया जाए।

AI के साथ जुड़ी चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। जैसे-जैसे AI का प्रभाव बढ़ रहा है, साइबर सुरक्षा (cybersecurity) से संबंधित खतरे भी अधिक जटिल (sophisticated) हो रहे हैं। जेठवा इस बात पर जोर देते हैं कि डेटा स्टोरेज (data storage) से लेकर विश्लेषणात्मक दस्तावेजीकरण (analysis documentation) तक सभी क्षेत्रों में व्यापक रणनीतियाँ (comprehensive strategies) अपनाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों को अपने डेटा और प्रणाली (system) को मजबूत बनाना होगा कि वे इन खतरों से सुरक्षित रहें।

भू-स्थानिक डेटा (geospatial data) के संदर्भ में, AI और LLM (Large Language Models) की प्रगति का मतलब होगा कि प्राकृतिक भाषा (natural language) को सटीक डेटा क्वेरी (precise data queries) में बदलना आसान हो जाएगा। इससे ये डेटा अधिक सुलभ (accessible), मुख्यधारा (mainstream), और उपयोगकर्ता के अनुकूल (user-friendly) बनेंगे। यह बदलाव उन उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत लाएगा जो जटिल डेटा सेट्स (complex datasets) के साथ सहज नहीं हैं।

जेठवा का मानना है कि GPU (Graphics Processing Units) की उपलब्धता बढ़ने के साथ, मशीन लर्निंग के व्यापक क्षेत्र में प्रगति देखने को मिलेगी। ओर्डनेंस सर्वे जैसे संगठनों के लिए, यह क्षमता जटिल कार्यों जैसे कि इमेजरी (imagery) से ऑटोमैटिक फीचर एक्सट्रैक्शन (automatic feature extraction) के लिए मॉडल्स को प्रशिक्षित करने में मदद करेगी।

हालांकि, केवल नई क्षमताओं (capabilities) को हासिल करना ही काफी नहीं है। जेठवा इस बात पर जोर देते हैं कि इन तकनीकों को जिम्मेदारी (responsibility) के साथ कार्यप्रणाली में शामिल करना जरूरी है। डेटा का सत्यापन (validation) और गुणवत्ता नियंत्रण (quality control) सुनिश्चित करना अत्यधिक आवश्यक होगा ताकि इसका उपयोग आत्मविश्वास (confidence) के साथ किया जा सके।

इन बदलावों के साथ एक अन्य बड़ी चुनौती "क्लचरल रेसिस्टेंस" (cultural resistance) और "चेंज फटीग" (change fatigue) है। बार-बार होने वाले बदलावों से थकावट (exhaustion) हो सकती है, जिससे कर्मचारियों का मनोबल (morale) प्रभावित हो सकता है। जेठवा कहते हैं कि तकनीक को अपनाने के दौरान मानवीय पक्ष (human element) का ध्यान रखना आवश्यक है। यह संतुलन ही बदलाव की प्रक्रिया को सहज और प्रभावी बनाएगा।

तकनीकी नवाचारों (technological innovations) के लाभ तभी पूरी तरह से हासिल किए जा सकते हैं जब उन्हें जिम्मेदारी और सावधानीपूर्वक लागू किया जाए। जैसे-जैसे हम 2025 की ओर बढ़ रहे हैं, AI और भू-स्थानिक तकनीक (geospatial technology) के भविष्य में अपार संभावनाएँ (immense possibilities) हैं। लेकिन इन तकनीकों को जिम्मेदारी (responsibility) के साथ उपयोग में लाना ही सफलता की कुंजी है।

नए वर्ष के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि हम न केवल तकनीकी प्रगति की ओर देखें, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका उपयोग कैसे किया जा रहा है। एक नैतिक दृष्टिकोण (ethical approach), मानव स्पर्श (human touch), और मजबूत नेतृत्व (strong leadership) के साथ ही हम इन नवाचारों को सही दिशा में ले जा सकते हैं।

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