बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हाल ही में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। यह कहानी 18 साल के एक युवक राजू दास और उसकी प्रेमिका की है, जिसमें प्रेम के नाम पर विश्वासघात और हिंसा की हदें पार हो गईं। राजू अपने परिवार और समाज के विरुद्ध जाकर एक लड़की से प्रेम करता था, जो उसी के गांव की थी। दोनों के बीच का यह रिश्ता बचपन से ही शुरू हुआ था और धीरे-धीरे एक गहरे लगाव में बदल गया था। लेकिन, इस प्रेम कहानी का अंत बहुत ही खौफनाक निकला, जिसने न केवल राजू बल्कि उसके परिवार और गांव वालों को भी स्तब्ध कर दिया। यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो प्यार में पड़कर समाज के विरोध की परवाह नहीं करते।
राजू और उसकी प्रेमिका का रिश्ता स्कूल के दिनों से ही शुरू हो गया था। नाइंथ कक्षा से ही दोनों एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए थे और उनके रिश्ते के बारे में गांव में सभी को पता था। राजू अक्सर स्कूल के बाहर अपनी प्रेमिका का इंतजार करता था, और गांव के लोग भी इसे देख चुके थे। समय के साथ उनका रिश्ता और गहरा होता गया, लेकिन उनकी प्रेमिका के घरवालों को यह रिश्ता कतई मंजूर नहीं था। उन्होंने कई बार राजू को चेतावनी दी कि वह उनकी बेटी से दूर रहे। पर राजू, जो कि उस लड़की से बेहद प्यार करता था, इन धमकियों की परवाह नहीं करता था। उसके लिए प्यार किसी डर या धमकी से ऊपर था।
घरवालों के दबाव और समाज के विरोध के कारण एक दिन राजू और उसकी प्रेमिका ने एक साहसिक फैसला लिया। दोनों ने तय किया कि वे अपने परिवार और समाज के बंधनों को तोड़कर भाग जाएंगे और एक नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे। राजू ने बेंगलोर में नौकरी करने का निर्णय लिया ताकि वे वहां बसकर अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू कर सकें। प्रेमिका ने भी इस योजना में राजू का साथ देने का वादा किया। वे दोनों गांव से दूर जाकर एक नई जिंदगी बसाने का सपना देखने लगे थे। यह निर्णय उनके लिए एक बड़ा कदम था, जो उनके प्यार के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है।
जब राजू और उसकी प्रेमिका भाग गए, तो गांव में उनके परिवार पर भारी दबाव डाला गया। पंचायत और पुलिस ने उनके परिवार से कहा कि अगर वे दोनों वापस नहीं आए तो उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस दबाव के चलते राजू के परिवार ने उसे वापस बुलाने का निर्णय लिया। राजू को भी यह महसूस हुआ कि उसके परिवार को उसकी अनुपस्थिति में बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। परिवार की सुरक्षा और सम्मान के खातिर, राजू ने अपनी प्रेमिका के साथ गांव लौटने का निर्णय लिया। यह वापसी उसके लिए आसान नहीं थी, लेकिन परिवार की मजबूरी के चलते उन्होंने यह कठिन निर्णय लिया।
गांव लौटने के बाद, पंचायत ने राजू और उसकी प्रेमिका के परिवार के बीच एक समझौता करवाया। पंचायत ने यह निर्णय लिया कि दोनों अब एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं रखेंगे और दोनों परिवार एक-दूसरे से अलग रहेंगे। इस फैसले के बाद राजू और उसकी प्रेमिका के बीच दुरी बढ़ गई। राजू इस फैसले से खुश नहीं था, लेकिन उसके पास और कोई चारा भी नहीं था। उसने सोचा कि शायद समय के साथ चीजें ठीक हो जाएंगी। वहीं दूसरी ओर, उसकी प्रेमिका भी इस फैसले के बाद अपने परिवार के प्रति वफादार हो गई। लेकिन राजू को अंदाजा नहीं था कि यह दूरियां बाद में एक भयानक मोड़ लेने वाली हैं।
कुछ दिन बाद राजू को उसकी प्रेमिका का फोन आया जिसमें उसने उसे अपने घर बुलाया। उसने राजू से कहा कि घर पर कोई नहीं है और वह उसके साथ पार्टी करना चाहती है। राजू को थोड़ी हैरानी हुई क्योंकि हाल ही में दोनों के बीच कई बार तकरार हुई थी। इसके बावजूद, प्रेम में अंधा राजू बिना किसी शंका के अपनी प्रेमिका के घर जाने के लिए तैयार हो गया। उसने अपने 14 वर्षीय भतीजे सूरज को भी अपने साथ ले लिया और प्रेमिका के घर की ओर चल पड़ा। उसे अंदाजा भी नहीं था कि इस बुलावे के पीछे एक भयानक साजिश छुपी है।
जब राजू अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा, तो उसे लगा कि यह एक खास मौका है और वह अपनी प्रेमिका के साथ अच्छा समय बिता सकेगा। लेकिन वहां एक खूनी खेल उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। प्रेमिका के पिता और कुछ गांव के युवक, जो राजू के दोस्त भी थे, वहां पहले से मौजूद थे। वे सभी राजू के इस रिश्ते के खिलाफ थे और उसे इस प्रेम के लिए सजा देना चाहते थे। उन्होंने राजू और उसके भतीजे पर हमला कर दिया। इस हमले में उन्होंने दोनों को गोली मार दी और उनकी लाशों को गांव के बाहर नदी किनारे फेंक दिया। राजू के अपने ही दोस्त इस साजिश में शामिल थे, जो उसकी पीठ पीछे उसकी हत्या की योजना बना चुके थे।
इस दोहरे हत्याकांड के बाद पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। पुलिस ने राजू के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स को खंगाला और पाया कि अंतिम कॉल उसकी प्रेमिका के घर से आई थी। इसके बाद पुलिस ने प्रेमिका के परिवार को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। जांच के दौरान, प्रेमिका के पिता ने इस हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया और बताया कि यह हत्या उनके द्वारा की गई थी। इस बयान के बाद मामले की पूरी सच्चाई सामने आ गई, और राजू और उसके भतीजे की हत्या का रहस्य खुल गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
"प्रेमे मोहाच्च भवेत् विघ्नं विश्वासे दोषः प्रकटितः।
दोषाः कर्तुं चेतन्यते जातो दुःखं महत् च तत्।।"
प्रेम में मोह और अज्ञानता से विघ्न उत्पन्न होते हैं, और विश्वास में दोष प्रकट होता है। जब प्रेम में दोष उभरते हैं, तो वह महान दुःख का कारण बनता है। यह श्लोक इस कहानी को संदर्भित करता है, जहां प्रेम में अंधा होकर राजू ने अपनी प्रेमिका पर विश्वास किया, और उस विश्वास का अंत दुःखद हुआ।