NEET Student Shocking event : छात्रा के साथ शिक्षकों की हैवानियत

NCI

 उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक अत्यंत भयावह घटना सामने आई है, जो समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गई है। एक NEET की तैयारी कर रही छात्रा, जो डॉक्टर बनने का सपना लेकर कानपुर आई थी, उसे उसके ही कोचिंग शिक्षकों द्वारा विश्वासघात और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। यह घटना न केवल समाज के भीतर जिम्मेदारी और विश्वास के प्रति सवाल खड़े करती है, बल्कि यह यह भी दर्शाती है कि शिक्षकों का नैतिक पतन किस हद तक हो सकता है। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि समाज को सुरक्षित और शिक्षकों के प्रति बच्चों का भरोसा बनाए रखना है, तो ऐसी घटनाओं पर गंभीर कदम उठाना जरूरी है। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि इस घटना ने हमें क्या सबक दिए हैं।

यह छात्रा फतेहपुर की रहने वाली थी और उसने बड़े सपने के साथ कानपुर का रुख किया था। वह अपने माता-पिता का सपना पूरा करना चाहती थी और डॉक्टर बनने का लक्ष्य लेकर NEET परीक्षा की तैयारी में जुटी थी। नवंबर 2021 में उसने कानपुर के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया, ताकि वह अपने सपने की ओर एक कदम बढ़ा सके। शुरुआत में, उसने अपने रिश्तेदारों के साथ रहकर पढ़ाई शुरू की और बाद में खुद को पढ़ाई में और समर्पित करने के लिए एक गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट हो गई। इस दौरान उसने नए शिक्षक और सहपाठियों से दोस्ती की, जिससे उसे उम्मीद थी कि वह एक सकारात्मक माहौल में अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएगी। उसे नहीं पता था कि यही शिक्षक उसके विश्वास का नाजायज फायदा उठाएंगे और उसकी जिंदगी को एक गहरे अंधेरे में धकेल देंगे।

इस कोचिंग सेंटर में पढ़ाते हुए, बायोलॉजी के टीचर साहिल सिद्दीकी और केमिस्ट्री टीचर विकास पोरवाल ने छात्रा के साथ एक बेहद दोस्ताना रिश्ता बना लिया। दोनों ने खुद को छात्रों के दोस्त के रूप में प्रस्तुत किया और सभी के साथ सहज व्यवहार किया, ताकि बच्चों में एक विश्वास का माहौल बने। साहिल सिद्दीकी ने बायोलॉजी के विषय को लेकर बच्चों के साथ अक्सर बातचीत की, यह कहते हुए कि इस विषय में अच्छे परिणाम पाने के लिए शर्म और हिचकिचाहट को छोड़ना जरूरी है। कोचिंग में इस फ्रेंडली माहौल ने बच्चों में विश्वास बढ़ाया, लेकिन यह दोस्ती का मुखौटा सिर्फ एक छलावा था। छात्रा को यह महसूस नहीं हुआ कि शिक्षक बनने का नकाब पहनकर, ये टीचर्स उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार बनाने की योजना बना रहे थे।

दिसंबर 2022 में, साहिल ने छात्रा को न्यू ईयर पार्टी के बहाने अपने दोस्त के फ्लैट पर बुलाया। उसने छात्रा को यह यकीन दिलाने के लिए कहा कि यह पार्टी एक साधारण गेट-टुगेदर होगी जिसमें और भी कई सहपाठी उपस्थित होंगे। उसने यह कहा कि वहां अन्य बच्चे भी होंगे, ताकि छात्रा को असहज महसूस न हो। लेकिन जब वह छात्रा फ्लैट पर पहुंची, तो उसने पाया कि वहां केवल साहिल ही मौजूद था, जिससे उसे अजीब महसूस हुआ। फ्लैट का माहौल असुरक्षित और अनजाना लगा, लेकिन साहिल ने उसे एक कोल्ड ड्रिंक ऑफर की, जिसमें उसने नशीला पदार्थ मिला रखा था। इसके बाद, छात्रा बेहोश हो गई और साहिल ने इस स्थिति का नाजायज फायदा उठाया, उसके साथ अपराध किया और इसका वीडियो भी बना लिया ताकि आगे चलकर उसे ब्लैकमेल किया जा सके।

इस घटना के बाद साहिल ने उस वीडियो का इस्तेमाल करके छात्रा को बार-बार ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उसने उसे धमकाया कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया, तो वह उसका वीडियो वायरल कर देगा और उसे जान से मारने की भी धमकी दी। यह स्थिति छात्रा के लिए अत्यंत भयावह बन गई, क्योंकि वह न तो किसी से इस बारे में बात कर सकती थी, न ही इस घिनौने कृत्य से खुद को बचा सकती थी। साहिल ने उसके साथ इस अपराध को बार-बार दोहराया, और उसके पास आत्मरक्षा का कोई साधन नहीं था। छात्रा ने मानसिक और शारीरिक यातना का लगातार सामना किया, और उसे ऐसा महसूस होने लगा कि उसकी जिंदगी उसके हाथों से निकल चुकी है। साहिल ने अपनी शक्ति और ब्लैकमेल का इस्तेमाल करके छात्रा के जीवन को अंधकारमय बना दिया।

साहिल ने इस अपराध में अपने साथी केमिस्ट्री टीचर विकास पोरवाल को भी सम्मिलित कर लिया। उसने विकास को इस कृत्य में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, और दोनों ने मिलकर छात्रा को एक फ्लैट में छह महीनों तक बंधक बनाकर रखा। विकास ने भी साहिल की तरह छात्रा को ब्लैकमेल किया और उसके साथ घिनौनी हरकत की। इन दोनों ने छात्रा को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया, और वह अपने परिवार से दूर रहकर इस घृणित यातना को झेलने के लिए मजबूर हो गई। दोनों टीचर्स ने मिलकर उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया और उसके डॉक्टर बनने के सपने को एक भयानक सपना बना दिया। यह स्थिति उसके लिए हर तरह से असहनीय थी, लेकिन डर और धमकी के कारण वह किसी से इस बारे में बात नहीं कर पा रही थी।

इस घटना के कारण छात्रा की मानसिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो गई और वह डिप्रेशन में चली गई। उसने अपने सपनों को साकार करने के लिए अपनी पूरी मेहनत और समर्पण को इस परीक्षा में लगाया था, लेकिन इन शिक्षकों की कुटिलता ने उसके सपनों को कुचल कर रख दिया। उसे कोचिंग में मिलने वाली मानसिक दबाव और इस भयावह अपराध का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी मानसिक स्थिति दिन-प्रतिदिन कमजोर होती गई। अपने परिवार और सपनों से दूर, छात्रा अकेली और असहाय महसूस कर रही थी। उसे इस बात का एहसास हो गया कि इन लोगों ने उसे पूरी तरह से फंसाया है, और उसकी स्थिति ऐसी हो गई थी कि वह ना तो किसी से इस बारे में बात कर पा रही थी और ना ही अपने आप को इस त्रासदी से बाहर निकाल पा रही थी।

छह महीने के बाद उसकी माँ कानपुर आईं और उसे वहां से अपने घर ले गईं। जब माँ को इस घटना  के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई। छात्रा ने साहिल और विकास के खिलाफ बयान दिया और वह वीडियो भी पुलिस को सौंप दिया जो साहिल ने ब्लैकमेल के लिए बनाया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार किया और इस मामले की पूरी जांच शुरू की। वीडियो को इंटरनेट से हटाने का प्रयास किया गया ताकि छात्रा को और अधिक मानसिक तनाव का सामना न करना पड़े। पुलिस ने छात्रा और उसके परिवार को यह आश्वासन दिया कि वह इस मामले में न्याय सुनिश्चित करेगी।

यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि विश्वास और जिम्मेदारी का दुरुपयोग कैसे घातक हो सकता है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि हमें बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए। कोचिंग सेंटरों और स्कूलों में बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना, उनकी सुरक्षा की गारंटी देना और उनके हर कदम पर नज़र रखना समाज की जिम्मेदारी है। बच्चों को अपने प्रति किसी भी असामान्य व्यवहार की जानकारी अपने परिवार को देने के लिए प्रेरित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना अनिवार्य है ताकि भविष्य में कोई बच्चा इस प्रकार की भयावह स्थिति का शिकार न हो।

अधर्मेणैव वधो हि धर्मस्य सदा भवेत्।
सन्मार्गेण प्रतिज्ञाय पापानामपि नाशनम्॥


अन्याय और अधर्म से सदा धर्म का ह्रास होता है। सन्मार्ग पर चलकर पापियों का नाश होता है। यह श्लोक इस घटना से जुड़ा है, जहाँ अनैतिक कार्यों ने एक छात्रा की जिंदगी को प्रभावित किया। यह संदेश देता है कि ऐसे अधर्म के खिलाफ सच्चाई की राह अपनाकर ही अन्याय का अंत संभव है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top