Impact of AI : रिपोर्ट मे हुए कई खुलासे!

NCI

 टॉनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट (TBI) ने एक नई रिपोर्ट में इस बात पर गहराई से विचार किया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) हमारे काम करने के तरीकों और नौकरियों को किस तरह से बदल सकती है। रिपोर्ट में AI को एक ऐसी तकनीक के रूप में देखा गया है जो कामकाज के माहौल को नए तरीके से आकार दे सकती है, हमारी उत्पादकता बढ़ा सकती है और हमारे लिए नए अवसर ला सकती है। हालाँकि, इसके साथ ही, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि इस बदलाव के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आ सकती हैं, जिन्हें दूर करने के लिए हमें तैयार रहना होगा।


रिपोर्ट का पहला वाक्य हमें यह याद दिलाता है कि “तकनीक ने हमेशा से काम की दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है।” कृषि क्रांति से लेकर डिजिटल युग तक, हर नए तकनीकी आविष्कार ने नौकरियों के प्रकार और काम करने के ढंग को नया रूप दिया है। आज, AI एक बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है, जो तेजी से आगे बढ़ रहा है और जिसके प्रभावों के लिए सरकारों, उद्योगों और आम लोगों को खुद को तैयार करना होगा।


AI से संभावित आर्थिक लाभ और नौकरियों पर प्रभाव

TBI की रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि अगर ब्रिटेन की कंपनियाँ AI का पूरी तरह से उपयोग करने लगें, तो इससे देश की उत्पादकता में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। रिपोर्ट का अनुमान है कि AI का इस्तेमाल “निजी क्षेत्र के कार्यबल के लगभग एक चौथाई समय” को बचा सकता है, जो हर साल लगभग 6 मिलियन कामगारों की मेहनत के बराबर है। इसका मतलब है कि AI का इस्तेमाल उन कामों में हो सकता है जो आमतौर पर लोगों को काफी समय लेते हैं, जैसे डेटा का विश्लेषण करना या दफ्तर के साधारण प्रशासनिक काम करना।

इससे खासतौर पर बैंकिंग और वित्त जैसे क्षेत्रों में, जहाँ रोजमर्रा के कई काम पहले से ही डिजिटल हो चुके हैं, बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वहीं, कुशल ट्रेड या कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्र, जिनमें मानव स्पर्श और मैन्युअल कौशल की जरूरत होती है, AI के इस बदलाव से कम प्रभावित होंगे।

हालांकि AI के आने से कुछ नौकरियाँ ख़तरे में पड़ सकती हैं, रिपोर्ट का मानना है कि इससे नए काम के अवसर भी पैदा हो सकते हैं। जैसे-जैसे तकनीकी बदलाव आते हैं, नई तरह की नौकरियाँ भी उभरती हैं – बिल्कुल वैसे ही जैसे पहले मशीनों के आगमन और फिर कंप्यूटर के आने से हुआ। इस नए विकास के साथ भी उम्मीद है कि नए उद्योग खड़े होंगे, जिससे रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे।


नई पीढ़ियों के लिए AI की भूमिका: शिक्षा और समान अवसर

AI का भविष्य में केवल कामकाज पर ही नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र पर भी गहरा असर पड़ सकता है। रिपोर्ट बताती है कि AI के माध्यम से बच्चों और शिक्षकों को सीखने-सिखाने में मदद मिल सकती है। AI की मदद से शिक्षा को अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी बनाया जा सकता है, जिससे छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों में लगभग छह प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद है।

AI यह सुनिश्चित कर सकता है कि बच्चों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार पढ़ाई में सहायता मिल सके, जिससे आगे चलकर वे बेहतर नौकरियों के लिए तैयार हो सकें। यह खासकर उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाता। AI के ज़रिए हर बच्चे को समान अवसर मिल सकते हैं, जिससे समाज में अवसरों की समानता बढ़ेगी और भविष्य की पीढ़ियाँ एक बेहतर कौशल वाली कार्यबल बन सकेंगी।


स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण में AI का योगदान

शिक्षा के अलावा, AI का योगदान स्वास्थ्य सेवाओं में भी देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट बताती है कि AI के ज़रिए चिकित्सा अनुसंधान तेज़ी से किया जा सकता है, जिससे इलाज और देखभाल में सुधार होगा। AI न केवल उपचार को सरल बना सकता है, बल्कि बीमारियों को पहले से ही पहचानकर उन्हें रोकने में भी मदद कर सकता है।

AI के कारण वे लोग भी कार्यबल में वापस लौट सकते हैं जो शारीरिक या मानसिक विकलांगता के कारण काम करने में असमर्थ थे। इस तरह, AI न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेगा बल्कि एक स्वस्थ कार्यबल को तैयार करने में भी मदद करेगा, जिससे सामाजिक कल्याण लागतों में भी कमी आ सकती है।


कार्यस्थल में AI: नए अवसर और चुनौतियाँ

AI के ज़रिए कार्यस्थल में बड़े बदलाव आने की संभावना है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी खड़ी हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि AI से कर्मचारियों की निगरानी बढ़ सकती है, जिससे काम का तनाव भी बढ़ सकता है। इसीलिए, यह ज़रूरी है कि AI का इस्तेमाल कर्मचारियों के लिए एक बेहतर, समावेशी और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए किया जाए।

टॉनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट इस बात पर ज़ोर देता है कि AI के प्रभावों से निपटने के लिए नए ढांचे और कार्यक्रमों की ज़रूरत है। इन कार्यक्रमों में श्रम बाजार के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना और नौकरी के अवसरों को बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए AI का उपयोग करना शामिल है। इसके अलावा, संस्थान ने सुझाव दिया है कि एक “एर्ली अवेयरनेस एंड ऑपर्च्युनिटी सिस्टम” बनाया जाए, ताकि लोग जान सकें कि AI उनकी नौकरियों पर क्या असर डालेगा और उन्हें किस दिशा में अपने करियर का विकास करना चाहिए।


AI-समर्थित भविष्य के लिए तैयारी

AI के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, रिपोर्ट में नीति निर्माण में बदलाव की सलाह दी गई है ताकि AI के फायदों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके। इसमें AI को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देना, AI-पाथफाइंडर कार्यक्रम विकसित करना, और सरकारी क्षेत्र में श्रम की कमी को दूर करने के लिए नए प्रयास करना शामिल है। इसके अलावा, पब्लिक सेक्टर की कमी को पूरा करने के लिए नए समाधान खोजने की सलाह भी दी गई है। रिपोर्ट के अंत में निष्कर्ष दिया गया है कि, भले ही AI के साथ कुछ जोखिम जुड़े हों, लेकिन इसके फायदे इतने बड़े हैं कि उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

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