रूस वर्तमान में आर्थिक चुनौतियों और युद्ध के संकट से जूझ रहा है, लेकिन इसके साथ ही एक और गंभीर समस्या देश के सामने है: जनसंख्या में भारी गिरावट। रूस की घटती जनसंख्या ने सरकार को ऐसे उपायों की ओर धकेल दिया है, जो अब तक किसी भी देश में नहीं अपनाए गए हैं। रूसी सरकार इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक नया मंत्रालय स्थापित कर रही है, जो अनूठे और साहसिक कदमों के माध्यम से जनसंख्या में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा। इसमें कार्यस्थल पर यौन संबंधों को प्रोत्साहित करने से लेकर पहली डेट के लिए वित्तीय सहायता देने तक के उपाय शामिल हैं। आइए विस्तार से जानें कि रूस कैसे इस जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए अद्वितीय प्रस्ताव ला रहा है।
घटती जनसंख्या और उसका महत्व
रूस में जनसंख्या घटने की समस्या कोई नई नहीं है। पिछली कुछ दशकों में, विशेष रूप से सोवियत संघ के विघटन के बाद, देश की जनसंख्या लगातार गिर रही है। निम्न जन्म दर, मृत्यु दर में वृद्धि और लोगों का देश से बाहर जाना, इन सभी ने मिलकर इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। इसका प्रभाव रूस के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर पड़ता है, क्योंकि जनसंख्या में गिरावट से उत्पादन क्षमता और कार्यबल में कमी आती है, जिससे आर्थिक विकास पर भी असर पड़ता है।
रूसी सरकार के इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश की जनसंख्या को स्थिर किया जा सके और भविष्य में इसे बढ़ाया जा सके। यह प्रयास केवल आर्थिक कारणों के लिए नहीं है, बल्कि इसका मकसद रूस के वैश्विक कद को बनाए रखना और भविष्य में एक संतुलित और स्थिर समाज का निर्माण करना है।
कार्यस्थल पर यौन संबंधों का प्रोत्साहन
रूसी अधिकारी जनसंख्या में वृद्धि के लिए सबसे अनोखे उपायों पर विचार कर रहे हैं। इनमें से एक प्रस्ताव में कार्यस्थल पर यौन संबंधों को प्रोत्साहित करना शामिल है। इसका उद्देश्य है कि रूसी युवा जोड़े और नए विवाहित जोड़े अधिक से अधिक बच्चे पैदा करें। क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. येवगेनी शेस्टोपालोव ने सार्वजनिक रूप से यह सुझाव दिया है कि लोगों को काम के दौरान या कॉफी ब्रेक के समय भी बच्चे पैदा करने की योजना पर विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि आधुनिक जीवन बहुत तेज़ी से चल रहा है और ब्रेक के समय का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है कि लोगों की पारिवारिक ज़िम्मेदारियों में योगदान दिया जा सके।
घर में इंटरनेट और बिजली बंद करना
एक और दिलचस्प सुझाव, जिसका उद्देश्य जोड़ों के बीच अंतरंगता बढ़ाना है, वह है रात 10 बजे से सुबह 2 बजे तक घरों में इंटरनेट और बिजली बंद करना। रूसी अधिकारियों का मानना है कि इससे जोड़ों को एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताने का अवसर मिलेगा और उन्हें "बिना किसी रुकावट" वाली स्थिति मिलेगी, जिससे बच्चों के जन्म को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इसका उद्देश्य लोगों को डिजिटल और व्यस्त जीवनशैली से थोड़ा दूर कर उनके पारिवारिक संबंधों को मजबूत करना है।
पहली डेट के लिए आर्थिक प्रोत्साहन
रूस में जन्म दर बढ़ाने के लिए सरकार की एक और रणनीति यह है कि वह जोड़ों को उनकी पहली डेट के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इस प्रस्ताव के अनुसार, पहली बार डेट पर जाने वाले जोड़ों को सरकार द्वारा 5,000 रूबल (करीब 4,302 रुपये) की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस प्रकार का वित्तीय प्रोत्साहन यह सुनिश्चित करेगा कि लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताने और संबंध बनाने के लिए प्रेरित हों। सरकार का मानना है कि यह लोगों को विवाह और परिवार की ओर अग्रसर करने का एक कारगर तरीका हो सकता है।
नवविवाहितों के लिए विशेष व्यवस्था
रूसी सरकार नवविवाहितों को उनके विवाह की पहली रात के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी प्रस्ताव कर रही है। इसके तहत राज्य नवविवाहित जोड़ों के होटल के खर्च का एक हिस्सा वहन करेगा। यह प्रस्ताव इस सोच पर आधारित है कि जोड़े विवाह के बाद विशेष समय बिताकर परिवार बढ़ाने के विषय में सोच सकें। इस योजना के तहत, सरकार नवविवाहितों की शादी की रात का खर्च 26,300 रूबल (लगभग 22,632 रुपये) तक सीमित कर सकती है। इसका उद्देश्य नवविवाहितों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है ताकि वे परिवार बढ़ाने के लिए प्रेरित हों।
माताओं को घर के काम के लिए मुआवज़ा
घरेलू महिलाओं के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए, रूसी सरकार ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि घर पर काम करने वाली माताओं को उनके काम के लिए मुआवज़ा दिया जाए। इसके अलावा, इस काम को उनकी पेंशन में शामिल किया जाएगा ताकि उन्हें वृद्धावस्था में आर्थिक सहायता मिल सके। घर की जिम्मेदारियों और बच्चों की देखभाल में लगे माताओं को सम्मान देने के लिए यह प्रस्ताव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे महिलाओं को यह संदेश भी जाएगा कि उनका घर पर किया गया काम समाज और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
क्षेत्रीय स्तर पर जनसंख्या वृद्धि के प्रयास
रूस में कुछ क्षेत्रों में भी जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। खाबरोवस्क क्षेत्र में, 18 से 23 वर्ष की युवा महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में £900 (करीब 98,029 रुपये) की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसी तरह, चेल्याबिंस्क क्षेत्र में पहले बच्चे के लिए £8,500 (करीब 9.26 लाख रुपये) की धनराशि का इनाम दिया जा रहा है। इस प्रकार के प्रोत्साहन योजनाओं का उद्देश्य यह है कि लोग अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित हों और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वे इस कदम को उठाने में सक्षम हों।
रूस की जनसांख्यिकीय नीति के लिए नया मंत्रालय
रूस इस जनसांख्यिकीय संकट को हल करने के लिए एक नए मंत्रालय की स्थापना कर रहा है। इस मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य देश की घटती जन्म दर से निपटना और नए उपायों का संचालन करना होगा। जनसांख्यिकी मंत्रालय एक अनोखा प्रयास है, जिसका उद्देश्य रूस की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए सटीक और व्यापक उपायों को लागू करना है। यह मंत्रालय इन योजनाओं की निगरानी करेगा और देखेगा कि इनसे जनसंख्या वृद्धि पर कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव
रूसी सरकार के इन प्रस्तावों का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक और प्रशासनिक नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण भी छिपा हुआ है। इन प्रस्तावों के माध्यम से सरकार रूसी समाज में परिवार और बच्चों के महत्व को बढ़ावा देना चाहती है। ये उपाय रूसी नागरिकों को यह संदेश दे रहे हैं कि देश के भविष्य के लिए बच्चों का महत्व है और परिवार के महत्व को समझना आवश्यक है।
क्या ये उपाय प्रभावी साबित होंगे?
हालांकि इन उपायों को रूसी सरकार ने बड़े उत्साह के साथ लागू करने का विचार किया है, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि क्या ये उपाय वास्तव में जनसंख्या में वृद्धि कर पाएंगे। किसी भी जनसांख्यिकीय नीति का प्रभाव तभी सफल हो सकता है जब उसे समाज का समर्थन प्राप्त हो। यह देखा गया है कि कई विकसित देशों में जहां जन्म दर कम है, वहाँ इस प्रकार के प्रोत्साहन कार्यक्रम कम ही प्रभावी साबित हुए हैं। लोगों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं, और आर्थिक अस्थिरता, काम के दबाव, और जीवनशैली में बदलाव भी जनसंख्या में गिरावट का कारण बनते हैं।