Bride Disappears from Wedding Venue: शादी के मंडप से दुल्हन गायब, दूल्हा हाईकोर्ट पहुंचा

NCI


शादी के माहौल में जब सब कुछ सामान्य और खुशी से भरा लग रहा था, अचानक ऐसा कुछ हुआ जिसने सभी को हैरान कर दिया। दूल्हा, जो अपनी शादी के लिए बेहद उत्साहित था, एक पल के लिए बाथरूम गया और जब वापस लौटा, तो उसकी दुल्हन गायब थी। यह घटना न केवल शादी में उपस्थित लोगों को बल्कि दूल्हे और उसके परिवार को भी गहरे सदमे में डालने वाली थी।


दूल्हे के परिवार ने तुरंत हर जगह दुल्हन को ढूंढने की कोशिश शुरू कर दी। शादी का मंडप (venue) अचानक अफरातफरी में बदल गया। रिश्तेदार, दोस्त और परिवार के सदस्य सब यह सोचने लगे कि आखिर दुल्हन कहां जा सकती है। कोई सोच रहा था कि शायद वह नाराज होकर कहीं चली गई होगी, तो किसी को यह शक था कि शायद उसके साथ कुछ गलत हो गया होगा। 


दूल्हे ने अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर हर संभव जगह तलाश की। पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई, और मामला गहराता चला गया। दुल्हन का अचानक गायब होना सभी के लिए एक पहेली बन चुका था। शादी का माहौल, जो कुछ ही समय पहले खुशी और उत्साह से भरा हुआ था, अब निराशा और चिंता में बदल चुका था। 


कुछ दिनों की तलाश और छानबीन के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला, तो दूल्हा इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय (High Court) पहुंच गया। उसने यह दावा किया कि उसकी दुल्हन को किसी ने धोखे से गायब कर दिया है और उसे न्याय चाहिए। इस मामले ने जल्द ही समाज में चर्चा का विषय बन लिया। लोग तरह-तरह के कयास लगाने लगे। 


दूल्हे ने कोर्ट में अपनी याचिका में बताया कि शादी से पहले सब कुछ सामान्य था और दुल्हन भी इस शादी के लिए तैयार थी। उसने दावा किया कि वह इस घटना के पीछे किसी गहरी साजिश (conspiracy) की आशंका कर रहा है। दूल्हे के इस कदम ने पुलिस को भी इस मामले की गंभीरता से जांच करने के लिए मजबूर कर दिया। 


पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दुल्हन का परिवार शुरू से ही इस शादी के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं था। उन्होंने बताया कि लड़की के ऊपर शादी का दबाव डाला गया था, और वह इस शादी से खुश नहीं थी। इसके साथ ही, पुलिस को यह भी पता चला कि दुल्हन ने अपने कुछ दोस्तों के साथ शादी से पहले बातचीत की थी, जिससे यह संकेत मिला कि शायद उसने खुद ही इस शादी से भागने का प्लान बनाया होगा। 


इस पूरी घटना ने समाज में एक नई बहस को जन्म दिया। लोग यह सवाल उठाने लगे कि क्या आज भी ऐसी परिस्थितियां हैं जहां लड़कियों को अपनी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए मजबूर किया जाता है? दूल्हा और उसका परिवार इस घटना से बेहद आहत (hurt) था। उन्होंने इसे अपनी प्रतिष्ठा (reputation) पर हमला माना और इसे लेकर सार्वजनिक रूप से भी अपनी पीड़ा व्यक्त की। 


दूसरी ओर, कुछ लोगों ने यह तर्क दिया कि यदि दुल्हन इस शादी से खुश नहीं थी, तो उसे शादी से पहले ही अपनी बात खुलकर कहनी चाहिए थी। लेकिन दुल्हन का गायब होना और दूल्हे को बिना किसी जानकारी के छोड़ जाना, इस पूरे मामले को और भी जटिल बना देता है। 


कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान दूल्हे के वकील ने तर्क दिया कि यह घटना न केवल एक व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि यह सामाजिक मूल्यों के खिलाफ भी है। वहीं, दुल्हन के वकील ने यह दलील दी कि अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से शादी के बंधन (bond) में बंधने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। 


इस बीच, पुलिस ने यह भी बताया कि उन्होंने दुल्हन की तलाश में कई जगहों पर छानबीन की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। यह मामला धीरे-धीरे और भी उलझता चला गया। दूल्हा, जो पहले इस शादी के लिए बेहद उत्साहित था, अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा था। 


समाज में इस घटना ने एक नई चर्चा को जन्म दिया। कुछ लोग दूल्हे के पक्ष में खड़े हुए, तो कुछ ने दुल्हन के अधिकारों की बात की। इस मामले ने यह दिखाया कि आज भी शादी जैसे विषय पर हमारी सोच कितनी जटिल और पुरानी है। 


दुल्हन के गायब होने की वजह चाहे जो भी रही हो, लेकिन इस घटना ने दोनों परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया। दूल्हे का परिवार जहां इस घटना को अपनी इज्जत पर सवाल के रूप में देख रहा था, वहीं दुल्हन के परिवार ने भी अपनी बेटी के फैसले पर सवाल खड़े किए। 


इस घटना का अंतिम फैसला क्या होगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। लेकिन यह कहानी समाज को एक गहरा संदेश देती है कि शादी जैसे रिश्ते को जबरदस्ती या दबाव में नहीं बनाया जा सकता। किसी भी रिश्ते की बुनियाद विश्वास और सहमति (consent) पर टिकी होती है। 


यह मामला न केवल ग्वालियर, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना। लोगों ने अपने-अपने नजरिये से इस पर टिप्पणी की। कुछ ने इसे दूल्हे के साथ अन्याय कहा, तो कुछ ने इसे दुल्हन के अधिकारों का मुद्दा बताया। 


 समाज में शादी जैसे रिश्तों को समझदारी और खुले दिमाग से देखने की जरूरत है। दबाव, परंपराओं (traditions), और सामाजिक दबाव के चलते रिश्तों को जबरदस्ती बनाने की कोशिश अंततः किसी को भी खुश नहीं कर सकती।

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